Maternal Mortality Ratio: यूपी, एमपी सहित देश के कई राज्यों में मातृ मृत्यु अनुपात बेहद चिंताजनक, जानिए क्या है स्थिति
मातृ मृत्यु अनुपात के मामले में यूपी और एमपी की स्थिति बेहद चिंताजनक है. हाल ही में सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के तहत 2017-19 के लिए भारत में मातृ मृत्यु पर विशेष बुलेटिन जारी किया गया है.
Maternal Mortality Ratio: एक महत्वपूर्ण सुधार के बावजूद, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सबसे ज्यादा मातृ मृत्यु अनुपात (Maternal Mortality Ratio) वाले राज्य बने हुए हैं. वहीं छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में मातृ मृत्यु अनुपात में मामूली गिरावट देखने को मिली है, जबकि पिछले सर्वे में पंजाब की स्थिति खराब होने के बाद ताजा स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है. वहीं हरियाणा भी इन राज्यों में शामिल हो गया है.गौरतलब है कि हाल ही में भारत के जनगणना निदेशालय द्वारा सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) के तहत 2017-19 के लिए भारत में मातृ मृत्यु पर विशेष बुलेटिन जारी किया गया है. जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
किन राज्यों में 2017-19 में कितनी है मातृ मृत्यु दर
उत्तर प्रदेश- यूपी मातृ मृत्यु दर के मामले में दूसरे पायदान पर है. यहां 2017-19 के बीच MMR 167 रही है. वहीं 2016-18 में मातृ मृत्यु दर 197 थी जबकि 2015-17 में मातृ मृत्यु दर 229 थी.
मध्य प्रदेश में मातृ मृत्यु दर
मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां 2017 से 2019 तक मातृ मृत्यु दर 163 रही. वहीं 2016 से 2018 तक 173 और 2015 से 2017 तक 188 है.
छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु दर
छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु दर 2017-2019 तक 160, 2016 से 2018 तक 159 और 2015 से 2017 तक 141 तक रही है.
राजस्थान में मातृ मृत्यु दर
राजस्थान में मातृ मृत्यु दर 2017 से 2019 तक 141, 2016 से 2018 तक 164 और 2015 से 2017 तक 186 रही है.
बिहार में मातृ मृत्यु दर
बिहार में मातृ मृत्यु दर 2017 से 2019 तक 130, 2016 से 2018 तक 149 और 2015 से 2017 तक 165 रही.
पंजाब में मातृ मृत्यु दर
पंजाब में मातृ मृत्यु दर 2017 से 2019 तक 114, 2016 से 2018 तक 129 और 2015 से 2017 तक 122 रही.
उत्तराखंड में मातृ मृत्यु दर
उत्तराखंड में मातृ मृत्यु दर 2017 से 2019 तक 101, 2016 से 2018 तक 99 और 2015 से 2017 तक 89 रही.
हरियाणा में मातृ मृत्यु दर
हरियाणा में मातृ मृत्यु दर 2017 से 2019 तक 99, 2016 से 2018 तक 91 और 2015 से 2017 तक 98 रही.
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