Rajasthan Politics: भरतपुर में गरमाया मूर्ति स्थापना का मामला, लॉ इंस्टीट्यूट का नाम बदले जाने पर छात्रों ने दी है यह चेतावनी
Bharatpur News: इस बैठक में युवाओं ने तीन मुद्दों पर चर्चा की और आगे आंदोलन करने की चेतावनी दी. इन युवाओं ने महाराजा सूरजमल ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ का नाम बदलने का भी विरोध किया है.
Bharatpur News: राजस्थान के भरतपुर जिले में युवाओं की एक बैठक यातायात चौराहे पर स्थित महाराजा सूरजमल पार्क में हुई. इसमें भरतपुर के युवाओं ने 12 अप्रैल को नदबई विधानसभा क्षेत्र के बैलारा चौराहे पर मूर्ति लगाने को लेकर हुए विवाद में समाज का साथ देने के लिए मनुदेव सिनसिनी का आभार जताया. इस बैठक में युवाओं ने तीन मुद्दों पर चर्चा की और आगे आंदोलन करने की चेतावनी दी. वहीं युवाओं ने महाराजा सूरजमल ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ का नाम बदलने का भी विरोध किया है. युवाओं ने दिल्ली में धरना दे रहे पहलवानों का समर्थन किया है.
युवाओं ने स्थानीय विधायक पर लगाया यह आरोप
युवाओं का कहना है कि नदबई कस्बे में विधायक के दबाव में आकर नगर पालिका ने तीन मूर्ति स्थापित करने का निर्णय लिया था. लेकिन बिना विधिक प्रक्रिया के विधायक के दबाव में प्रशासन ने बैलारा चौराहे पर डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की मूर्ति कुम्हेर रोड पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति और नगर रोड पर भगवान परशुराम की मूर्ति स्थापित करने का निर्णय लिया. उनका कहना है कि पिछले चार साल से बैलारा चौराहे पर जाट समाज महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाने की मांग कर रहा था.युवाओं का आरोप है कि मूर्ति लगाने का काम बिना विधिक प्रक्रिया के स्थानीय विधायक जोगिंदर सिंह की ओर से जातीय भावनाएं भड़काने के लिए किया जा रहा है. इसकी जांच के लिए एसीबी को पत्र लिखा गया था.
गौरतलब है कि नदबई के बैलारा चौराहे पर डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की मूर्ति स्थापित करने को लेकर जाट समाज के युवाओं ने 12 अप्रैल की रात सड़क टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था. पुलिस के पहुंचने पर युवाओं और पुलिस में झड़प हुई थी. भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को भी आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे.पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया था. वे लोग अभी भी जेल में हैं. माहौल को देखते हुए क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने मूर्ति स्थापित की अनुमति को रद्द कर दिया था.
क्या है भरतपुर का मूर्ति विवाद
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध सिंह और मनुदेव सिनसिनी सहित काफी संख्या में जाट समाज के युवाओं ने 13 अप्रैल को बैलारा चौराहे पर जाकर पिलर पर महाराजा सूरजमल की तस्वीर लगा दी थी. इसके बाद नदबई थाने में अनिरुद्ध सिंह, मनुदेव सिनसिनी सहित करीब 250 लोगों पर मामला दर्ज कर लिया था. उसकी जांच चल रही है.
मूर्ति स्थापना के इस प्रकरण को लेकर हाईकोर्ट में अपील की गई. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि मनुदेव सिनसिनी को केंद्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम का सलाहकार नियुक्त कर रखा है. उन्हें फंसाने के उद्देश्य से कांग्रेस सरकार और स्थानीय विधायक के दबाव में यह तथ्यहीन और झूठी एफआईआर कराई गई है. हाई कोर्ट ने मनुदेव सिनसिनी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. हाई कोर्ट ने स्थानीय विधायक जोगिंदर अवाना और नदबई एसएचओ को इसके बाबत नोटिस भेजा है.
मनुदेव सिनसिनी ने आने वाले दिनों में एक बड़ी पंचायत का आयोजन करने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि गांव-गांव जाकर लोगों को एकजुट किया जाएगा. लोगों में भय व्याप्त है. नदबई विधायक जोगिंदर सिंह अवाना पर आपसी सौहार्द से रह रहे दो समुदायों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काने का मामला दर्ज कराया जाएगा.
लॉ इंस्टीट्यूट का नाम बदले जाने से नाराज हैं युवा
वहीं युवाओं ने भरतपुर स्थित महराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय की महाराजा सूरजमल ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ का नाम बदलकर अंबेडकर ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ कर देने का विरोध किया है. विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष हितेश फौजदार ने जब कुलपति से इस बारे में पूछा उन्होंने बताया कि कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह जी की अनुशंसा पर नाम बदला गया है. युवाओं में इस बात को लेकर काफी नाराजगी है.उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ का नाम बदलकर महाराजा सूरजमल ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ नहीं किया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. छात्रों ने 2 मई को आंदोलन की चेतावनी दी है.
बैठक में कसौदा गांव के पहलवान नरेश ने कहा की देश का नाम रोशन करने वाली बेटियां आज जंतर-मंतर पर अपने साथ हुए अत्याचार और अनाचार के खिलाफ न्याय की मांग लेकर बैठी हैं, लेकिन देश के राजा को उनसे मिलने का समय नहीं होना कितना शर्मनाक है. उन्होंने कहा भरतपुर की सरदारी 3 तारीख को बेटियों के समर्थन में दिल्ली कूच करेगी.
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