Jodhpur News: पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक मेवाराम जैन की आपत्तिजनक वीडियो प्रकरण में अब नया मोड़ सामने आ गया है. सूत्रों के मुताबिक पीड़िता ने जो आरोप पूर्व विधायक मेवाराम जैन व अन्य लोगों पर लगाए थे. उन सभी पर अब वो मुकर गई है. सवाल यह है कि पीड़िता के आरोपों से मुकरने के बाद पुलिस वायरल वीडियो अन्य आरोपियों से पूछताछ करके कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है?


जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट वेस्ट के राजीव गांधी पुलिस थाने में 15 दिन पहले पीड़िता की शिकायत पर पूर्व कांग्रेस विधायक मेवाराम जैन सहित 9 लोगों के खिलाफ गैंगरेप,रेप और पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया गया था.


पूर्व विधायक मेवाराम जैन की ओर से हाई कोर्ट में एफआईआर रद्द करने की याचिका लगाई गई थी. जिस पर न्यायालय ने मेवाराम जैन अन्य लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. इस मामले की 25 जनवरी 2024 की तारीख दी थी. अभी तक इस मामले में कोई एक्शन नहीं होने के कारण अब पुलिस व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.


बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक रह चुके मेवाराम जैन ने 2018 में विधानसभा चुनाव जीत हासिल की थी. पूर्व की गहलोत सरकार ने उन्हें गो सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाकर राज्य मंत्री का दर्जा दिया था. 2018 से लेकर 2023 तक लगातार उन पर बीजेपी ने नगर परिषद में भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए थे. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बाड़मेर यात्रा के दौरान कई बार जैन पर ईडी व सीडी के आरोप लगा चुके हैं.


पूरे 5 साल के कार्यकाल के दौरान हमेशा विपक्ष के निशाने पर रहे थे. 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले मेवाराम जैन सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक फोटो वायरल हुए थे. लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने उनको चौथी बार टिकट देकर अपना प्रत्याशी बनाया था. 2023 के विधानसभा चुनाव में वह चुनाव हार गए चुनाव हारने के बाद मेवाराम जैन के कथित सेक्स वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से सस्पेंड कर दिया है.


पीड़िता की ओर से मामले में पैरवी करने के लिए मना किया


पीड़िता के अधिवक्ता सुमेर गोड से बात करने पर उन्होंने बताया कि पीड़िता की ओर से उन्हें इस मामले में पैरवी करने के लिए मना कर दिया गया है. मेवाराम जैन अन्य लोगों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है कि इस मामले में राजीनामा हो गया है. जिसे खत्म किया जाए. हालांकि इस मामले में पोक्सो कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है. मुझे इस मामले में पैरवी करने के लिए मना किया गया है. इसलिए अब में पैरवी नहीं करूंगा. अब न्यायालय में इस मामले में सुनवाई होगी. पोक्सो एक्ट की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज है.


जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट वेस्ट के एडीसीपी चंचल मिश्रा से इस मामले में राजीनामा होने के बारे में एबीपी न्यूज़ से बात की तो उन्होंने इस तरह के राजीनामा होने की बात से इनकार किया है. हालांकि इस मामले की जांच जारी है.


ये भी पढ़ें: MP News: 'विधायकों के फोटो फ्रेम से भी बाहर शिवराज सिंह चौहान', एमपी विधानसभा पहुंचे स्पीकर ओम बिरला