Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस चुनाव पर पूरे देश की राजनीति की निगाहें टिकी हुई है. 200 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के लिए प्रमुख माने जाने वाली मेवाड़ की 28 सीटों की बात करें तो यहां अभी भी बीजेपी का दबदबा है. लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस बढ़त बनाए हुए हैं. इन सबके बीच में एक बात यह निकल कर आ रही है और लोगों के मन में सवाल भी है की मेवाड़ के 28 विधानसभा सीटों में से 22 विधायकों की उम्र 50 साल से ज्यादा हैं, तो क्या बीजेपी और कांग्रेस युवा चेहरे को सामने लेकर आएगी या इस बार फिर से अनुभव का साथ देगी. 


कांग्रेस पार्टी का उदयपुर में चिंतन शिविर हुआ था जिसमें 50 अंडर 50 फार्मूला अपनाने की बात कही थी, यानी पंचायत स्तर से लेकर सीडब्ल्यूसी तक 50% युवाओं की भागीदारी रहेगी. वहीं बीजेपी ने भी गुजरात चुनाव में पूर्व विधायकों के टिकट काटकर युवाओं को मौका दिया था. अब यही फार्मूला यहां लागू होता है तो 50 से ज्यादा उम्र के 22 विधायक मेवाड़ में है. तो दोनों पार्टियां इनमें से टिकट काट सकती है. इसमें बीजेपी ने एक उदाहरण मेवाड़ में ही पेश कर दिया. बीजेपी ने मेवाड़ के दिग्गज नेता और उदयपुर विधायक रहे गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया. ऐसे में और भी नेता है जो इस दायरे में आ सकते हैं. 


12 विधायकों की उम्र 60 या उससे ज्यादा
यह तो हमने देख लिया कि 28 में से 22 विधायकों की 50 से ज्यादा उम्र है लेकिन इसमें भी बड़ी बात यह है कि 12 विधायक तो 60 साल से भी ज्यादा उम्र के हैं. जिनमें 5 विधायक 65 से ज्यादा उम्र के है. अब यह तो दोनों पार्टियों के स्तर पर तय होगा कि किस दायरे के विधायकों की जगह युवाओं को मौका मिलना चाहिए या फिर इन्हीं अनुभव को दौबारा मौका देना चाहिए. फिलहाल कांग्रेस के चिंतन शिविर और बीजेपी के गुजरात फॉर्मूले के कारण मेवाड़ में उम्र को लेकर चर्चाओं का विषय बना हुआ है. लोगों में यह दिलचस्पी बनी हुई है कि आखिर पार्टियां इस बार किसका टिकट काटेगी और किसको मौका देगी.


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