Sanwariya Seth Mandir: सांवलिया सेठ के खजाने में इस महीने भी आए करोड़ों रुपये, भक्तों ने चढ़ाए कई किलो सोने और चांदी के जेवर
Mewar Krishna Dham: मेवाड़ में स्थित विश्व प्रसिद्ध कृष्ण धाम में हर महीने की तरह इस माह भी भंडार में चढ़ावे की गणना हुई. हर महीने की तरह इस माह भी करोड़ों रुपये का चढ़ावा प्राप्त हुआ है.
Mewar Sanwaliya Seth Mandir: राजस्थान में मेवाड़ (Mewar) में स्थिति विश्व प्रसिद्ध कृष्ण धाम में हर महीने की तरह इस माह भी भंडारे में चढ़ावे की गणना हुई. हर महीने की तरह इस माह भी करोड़ों रुपये का चढ़ावा प्राप्त हुआ है. भंडार में चढ़ावे की गणना तीन दिन पहले ही शुरू हो गई थी, जो मंगलवार शाम को समाप्त हुई. मेवाड़ में कृष्ण धाम की बात की तो जाए, तो यहां दो प्रसिद्ध कृष्ण धाम है.
एक राजसमंद (Rajsamand) जिले के नाथद्वारा कस्बे में स्थित श्रीनाथ जी (Shrinathji Temple) और दूसरे जिसके भंडारे की बात कर रहे हैं, यानी चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया में स्थित सांवलिया सेठ मंदिर (Sanwaliya Seth Mandir). इस मंदिर में हर महीने भंडारा खोला जाता है और चढ़ावे की गणना होती है. मंदिर मंडल के सदस्य लाल पाटीदार ने बताया कि सुविख्यात कृष्ण धाम सांवलिया सेठ मंदिर में गत चतुर्दशी पर खोले गए भगवान के भंडार से निकली दान राशि की गणना तीन चक्रों में पूर्ण हुई.
सांवलिया सेठ मंदिर में हुई भंडार की गणना
मंदिर मंडल के सदस्य ने मंगलवार को सुबह राजभोग आरती के समय मंदिर मंडल अध्यक्ष भेरुलाल गुर्जर की उपस्थिति में कोषागार में सुरक्षित रखे सोना-चांदी और दान राशि निकालकर तीसरे चक्र की गणना के साथ-साथ तौल का काम शुरू किया गया. लाल पाटीदार ने बताया कि अंतिम दिन चिल्लर और बचे हुए नोटों की गणना के दौरान 66 लाख 53 हजार 676 रुपयों की गिनती की गई, जबकि इसके पहले के दो चरणों में 8 करोड़ 25 लाख 73 हजार रुपये की गिनती की जा चुकी थी. मंदिर को इस माह भंडार से कुल 8 करोड़ 92 लाख 26 हजार 676 रुपये प्राप्त हुए. इसके साथ ही इस महीने भंडार से 181 ग्राम सोना और 11 किलो 214 ग्राम चांदी प्राप्त हुई.
वहीं कार्यालय और भेंट कक्ष में नगद एवं ऑनलाइन 2 करोड़ 34 लाख 80 हजार 325 रुपये नगद और 137 ग्राम 740 मिग्रा. सोना और 24 किलो 765 ग्राम चांदी प्राप्त हुई. भंडारे में ऑनलाइन और मनी ऑर्डर से कुल 11 करोड़ 27 लाख 7 हजार रुपये प्राप्त हुए. वहीं करीब 318 ग्राम सोना और 35 किलो से ज्यादा चांदी प्राप्त हुई. मंगलवार को ओसरा पुजारी ने भगवान को गंगाजल से स्नान करवाकर नवीन वस्त्र आभूषणों के साथ आकर्षक श्रंगार किया. गुलाब आदि की फुल मालाएं अर्पित कीं.