Rajasthan Bharatpur Crime Control: राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर (Bharatpur) में मेवात (Mewat) इलाके को अभी तक अपराध का गढ़ माना जाता रहा है, जहां दिन के समय भी लोग सुरक्षित नहीं निकल पाते थे और अपराधी पुलिस के लिए भी कई वर्षों से चुनौती बने हुए थे. लेकिन, आज 'टाइगर' की दहाड़ के चलते इस अपराध के गढ़ में लगभग सभी बदमाश भूमिगत (Underground) हो गए हैं. पुलिस कई वर्ष से यहां के बदमाशों पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रही थी, मगर सफलता नहीं मिल पा रही थी जिसके चलते आमजन भी असुरक्षित नहीं था. यहां दिनदहाड़े लोगों के साथ लूटपाट, ठगी, हत्या (Murder) और अपहरण की वारदातें होती रहती थी. लेकिन, अब जिले के टाइगर (जिला पुलिस अधीक्षक) श्याम सिंह ने 5 महीने के अंदर ही इन बदमाशों को अपने घरों के अंदर छिपने के लिए मजबूर कर दिया है. 


पुलिस अधीक्षक ने किया ये काम 
दरअसल हुआ यूं कि, जिला पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह (Shyam Singh) ने जैसे ही पदभार संभाला उसके तुरंत बाद ही जिले में इन बदमाशों पर लगाम लगाने के लिए डोर-टू-डोर वाहन चेकिंग अभियान शुरू कर दिया. ये बदमाश मोटरसाइकिल पर सवार होकर वारदातों को अंजाम देते थे, इसलिए जिला पुलिस अधीक्षक ने इनकी नब्ज को समझ लिया और पूरे जिले में डोर-टू-डोर और हर सड़क और गलियों में गुजरने वाली मोटरसाइकिल की चेकिंग शुरू कर दी. इसका असर ये हुआ कि, ज्यादातर अपराधी पुलिस की पकड़ में आ गए और चोरी की मोटरसाइकिलें जब्त होने लगीं. महज 5 महीने के अंदर ही 50 प्रतिशत अपराध पर लगाम लग गई और बदमाश भूमिगत होने पर मजबूर हो गए. 




पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई 
पुलिस ने पूरे जिले में 4 महीने के अंदर लगभग 10512 डोर-टू-डोर और आकस्मिक नाकेबंदी में 55333  वाहनों की चेकिंग की. जिसमें 81 संदिग्ध वाहन और 253 चोरी के वाहनों को जब्त करते हुए 253  बदमाशों को गिरफ्तार किया गया. ये आंकड़ा साबित करता है कि जो कार्रवाई बदमाशों के खिलाफ पुलिस ने 4 महीने में की है उतनी कार्रवाई पिछले 3 वर्षों में नहीं हो पाई थी जिससे अपराधी बेलगाम हो रहे थे. 1 फरवरी 2022 से 14 मई 2022 तक 17779  वाहनों का चालान किया गया तो वहीं 1334  वाहन जब्त किए गए. 


लूट की वारदातों पर लगाम 
स्थानीय पुलिस की ओर से मेवात क्षेत्र के कामां, नगर और डीग सर्किल में साइबर अपराध यूनिट की सहायता से लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इसमें विशेष दुपहिया वाहनों की जांच हो रही है. जांच अभियान का असर इलाके में आए दिन होने वाली लूट की वारदातों पर भी दिख रहा है. जिले में गत वर्ष लूट की करीब 32 वारदातें सामने आई जो अभी तक 15 ही रह गई. बाइकों की जांच होने से अपराधी बाहर निकलने से बच रहे हैं.




पुलिस अधीक्षक ने कही ये बात 
जिला पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने कहा कि बदमाश ज्यादातर दोपहिया और चौपहिया वाहनों के जरिए अपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं, इसलिए पुलिस ने डोर-टू-डोर और हर सड़क पर गुजरने वाले सभी वाहनों की नाकेबंदी कर चेकिंग शुरू कर दी. सिर्फ 4 महीने में ही जितने भी चोरी के अवैध वाहनों पर बदमाश वारदात कर रहे थे उनको जब्त कर बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसका परिणाम ये है कि करीब 50 प्रतिशत अपराध पर 4 महीने में ही लगाम लग गई है.


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