Rajasthan News: राजस्थान के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार राज्य में साइबर सुरक्षा की दृष्टि से सकारात्मक कदम उठाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य को अपराध मुक्त किया जाएगा. बेढम 'राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर' में 'राजस्थान पुलिस साइबर अपराध जागरूकता मिशन' के तहत आयोजित 'राजस्थान पुलिस हैकथॉन 1.0' के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे.


गृह राज्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान परिवेश में सोशल मीडिया के उपयोग से अनेक सुविधाएं तो बढ़ी हैं, लेकिन इससे संबंधित अपराधों में भी वृद्धि हुई है. विशेष रुप से मेवात क्षेत्र में बढ़े अपराधों पर रोक लगाने के लिये सार्थक प्रयास की आवश्यकता है. उन्होंने सभी जिलों में साइबर विशेषज्ञ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में टीम गठित करने का सुझाव दिया.


आधिकारिक बयान के अनुसार इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उत्कल रंजन साहू ने कहा कि राजस्थान पुलिस हैकथॉन शुरू कर साइबर सुरक्षा की दृष्टि से अभिनव शुरुआत की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस दो दिवसीय हैकाथॉन में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं और स्टार्टअप्स के 1665 प्रतिभागियों द्वारा पंजीयन कराया गया है.


इनमें लगभग 300 टीम भाग लेंगी. ये टीम 12 साइबर सुरक्षा से संबंधित समस्याओं का समाधान निकालने के लिए 36 घंटे तक निरंतर काम करेंगी. हैकाथॉन के विजेताओं को विभिन्न श्रेणियां में कुल 20 लाख रुपये के नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान करने के साथ ही कई इच्छुक टीम को राजस्थान पुलिस के इंटर्नशिप प्रोग्राम में शामिल किया जाएगा.


साहू ने कहा कि राजस्थान पुलिस प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बनाने, महिलाओं सहित कमजोर वर्गों को त्वरित न्याय दिलाने एवं आमजन के जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है.


डीजीपी (साइबर सुरक्षा) डॉ. रविप्रकाश मेहरड़ा ने कहा कि साइबर अपराध पुलिस के समक्ष निरन्तर चुनौती प्रस्तुत कर रहे हैं. पुलिस साइबर अपराध की रोकथाम के लिए तत्परता से कार्य कर रही है लेकिन साइबर अपराधों की प्रभावी रोकथाम के लिए जनजागरूकता आवश्यक है.


'भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र' के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राजेश कुमार ने बताया कि यह संस्थान देश में साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय की एक पहल है.


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