Rajasthan Vidhansabha Budget Session: राजस्थान सरकार ने उन पशुपालकों को सस्ते दर पर कर्ज देने से इनकार कर दिया है, जिनके मवेशी लंपी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) की चपेट में आकर मर गए थे. सोमवार को सदन में कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया (Lal Chand Kataria) ने विधानसभा के बजट सत्र में स्पष्ट किया कि इस सिलसिले में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान बोलते हुए मंत्री लाल चंद कटारिया ने कहा कि लंपी वायरस के कारण राज्य में पिछले साल 76,030 मवेशियों की मौत हो गई थी.


क्या सरकार सस्ते दर पर पशुपालकों को देगी कर्ज?


कृषि मंत्री ने कहा, "नए मवेशियों की खरीदारी के लिए पशुपालकों को सस्ते दर पर कर्ज देने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है." उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि लंपी स्किन डिजीज की रोकथाम और नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन्स के मुताबिक कुल 106.46 मवेशियों का टीकाकरण दिसंबर तक किया गया है. टीकाकरण पर आए खर्च केंद्र सरकार ने 60 फीसद और राज्य सरकार ने 40 फीसद के अनुपात में दिया था.


कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया ने सदन में किया स्पष्ट


राजस्थान के कृषि मंत्री ने जानकारी दी कि आंकड़ों के मुताबिक, 31 दिसंबर तक 15 लाख 67 हजार 217 मवेशी लंपी वायरस से संक्रमित हुए थे. उनमें से 14 लाख 91 हजार 187 मवेशी बीमारी से ठीक हो गए और करीब 76 हजार की मौत हो गई. राजस्थान का जोधपुर जिला लंपी वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित था. संक्रमित होने वाले पशुओं की संख्या 1 लाख 15 हजार 864 थी और मरने वाले पशुओं का आंकड़ा 4,159 था. राहत की बात है कि बारां जिले में लंपी वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया था. 


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