Rajasthan: मंत्री धारीवाल का पायलट पर निशाना, कहा- 'अशोक गहलोत ने अच्छे-अच्छों को पिलाया पानी'
Rajasthan News: सचिन पायलट और अशोक गहलोत की लड़ाई में जहां विपक्ष अपना फायदा देख रहा है वहीं सत्ता पक्ष के बीच गुटबाजी तेज हो गई है. अब मंत्री शांति धारीवाल ने सीएम गहलोत को लेकर बड़ी बात कही है.
Rajasthan Politics News: सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने जयपुर (Jaipur) में पूर्व राज्यपाल पंडित नवल किशोर शर्मा (Naval Kishore Sharma) की प्रतिमा का अनावरण किया. इस कार्यक्रम में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) भी मौजूद थे. यहां धारीवाल ने सीएम गहलोत की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि 'उन्होंने अच्छे-अच्छों को पानी पिलाया है'. मंत्री धारीवाली का यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रदेश के डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कार्रवाई न करने को लेकर सीएम गहलोत पर हमलावर हैं.
दरअसल, इस कार्यक्रम में सीएम गहलोत और धारीवाल दोनों नवल किशोर शर्मा से जुड़ी बातें साझा कर रहे थे. इसी दौरान धारीवाल ने कहा, बाउजी (नवल किशोर) और मेरे बीच गुरु-चेले का संबंध था. मैंने कभी उनका साथ नहीं छोड़ा, जो उनका साथ छोड़कर गए कभी भी बाउजी ने उनकी बुराई नहीं की थी.' आगे धारीवाल ने कहा, 'एकबार जब गहलोत ने मुझसे कहा कि वह मुझे मंत्री बनाना चाहते हैं तो मैं बाउजी के पास गया और उनको पूरी बात बताई. इस पर उन्होंने कहा कि आज से तुम्हारे हेड मास्टर अशोक गहलोत हैं. इसका हर आदेश मानना. ये वहीं गहलोत हैं जिन्होंने अच्छे-अच्छों को पानी पिला दिया.'
थारी-म्हारी करने वाले कामयाब नहीं होते- सीएम गहलोत
उधर, इस कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने सचिन पायलट पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए कहा कि अपने पराए की बात करने वाले और गुटबाजी करने वाले अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो सकते, उन्होंने कहा कि सबको साथ लेकर चलने वाले ही लोकतंत्र में सफल होते हैं और उन्होंने अपने जीवन में हमेशा यही प्रयास किया है. सीएम गहलोत ने कहा, 'एक कहावत है कि आप बड़ी लाइन खींचो, बजाय कि दूसरे की लाइन काटो. हमेशा मैंने वहीं काम किया.' गहलोत ने कहा, 'लाइन बड़ी खींचने के लिए (पार्टी के प्रति) पूरी निष्ठा, पूरी ईमानदारी, पूरी प्रतिबद्धता चाहिए. पार्टी की नीतियों और उसके सिद्धांतों के प्रति जिंदगी लगा दी मैंने.' गहलोत ने कहा, ‘जो लोग गुटबाजी में लिप्त हैं... थारी-म्हारी करते हैं... वह कभी कामयाब नहीं हो सकते. ऐसे लोग पार्टी के निष्ठावान नहीं होते. लॉयल्टी (वफादारी) बहुत जरूरी है.'
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