Bhanwar Lal Sharma Passed Away: राजस्थान की सियासत में भाजपा के भैरों सिंह शेखावत और कांग्रेस के अशोक गहलोत की सरकार को हिला देने वाले सूबे के दबंग नेता अब नहीं रहे. सरदारशहर (चूरू) विधायक पंडित भंवरलाल शर्मा का आज तड़के निधन हो गया. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. 77 वर्षीय शर्मा पिछले लंबे समय से अस्वस्थ थे. उनका पार्थिव शरीर विद्याधर नगर ब्राह्मण महासभा भवन में अंतिम दर्शन के लिए रखा है. सरदारशहर में सोमवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा. शर्मा के निधन से सियासी जगत में शोक छाया है. शनिवार रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अस्पताल पहुंचकर उनके मुलाकात की थी. शर्मा के निधन पर सीएम गहलोत समेत कई जनप्रतिनिधियों ने शोक जताया है.


भंवर लाल शर्मा के निधन पर सीएम अशोक गहलोत ने दुःख जताया. उन्होंने कहा- सरदारशहर (चूरू) से कांग्रेस विधायक श्री भंवरलाल शर्मा के निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं. काफी समय से वो अस्वस्थ चल रहे थे, उनके स्वास्थ्य को लेकर मैं उनके परिवारजनों के सम्पर्क में था, कल रात एसएमएस अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों से जानकारी ली और परिवार से मुलाकात की थी.


सीएम ने कहा कि ईश्वर से प्रार्थना है शोकाकुल परिजनों को इस बेहद कठिन समय में सम्बल प्रदान करें एवं दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें.






 


सचिन पायलट ने जताया दुख


कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने ट्वीट कर दुख जताया है. पायलट ने कहा कि सरदारशहर विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री भंवरलाल शर्मा जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है. उनका निधन प्रदेश की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करें.






 


दीगर है कि भंवर लाल शर्मा वही विधायक रहे हैं जिन्होंने राजस्थान के भूतपूर्व सीएम भैरों सिंह शेखावत और मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को हिला कर रख दिया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने शेखावत की सरकार को गिराने की साजिश रची थी. 


17 साल की उम्र में शुरू की राजनीति
पंडित भंवरलाल शर्मा का जन्म सरदाशहर के जैतसीसर गांव में सेवगराम और पार्वती देवी के घर 17 अप्रैल 1945 को हुआ था. महज 17 साल की अल्पायु में उन्होंने राजनीति की शुरूआत की. सबसे पहले वर्ष 1962 में जैतसीसर ग्राम पंचायत के सरपंच बने. 1982 तक सरपंच रहने के बाद सरदारशहर पंचायत समिति के प्रधान चुने गए. 1985 में लोकदल से पहला राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर पहली बार विधायक बने.


एमएलए बनने के बाद जनता दल पार्टी जॉइन की. 1990 में दूसरी बार विधायक बनने में सफल रहे. तब उन्हें पहली बार इंदिरा गांधी नहर परियोजना में मंत्री बनाया. वर्ष 1996 में उपचुनाव जीतकर तीसरी बार विधायक बने. फिर 1998, 2003, 2013 और 2018 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतकर एमएलए रहे. राजस्थान सरकार में केबिनेट मंत्री और विधानसभा में उप मुख्य सचेतक जैसे बड़े पदों पर भी रहे.

सियासी शतरंज के माहिर खिलाड़ी
सियासी शतरंज के खेल में भंवरलाल शर्मा माहिर खिलाड़ी थे. सूबे की सत्ता गिराने और बचाने में कई बार बड़ा रोल निभाया. भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेता भी शर्मा के दबंग अंदाज से घबराते थे. वर्ष 1990 में भैरो सिंह शेखावत सरकार को समर्थन देकर मंत्री बने. वर्ष 1996 में उन पर भाजपा विधायकों के साथ मिलकर शेखावत सरकार गिराने की साजिश करने के गंभीर आरोप लगे थे.


सियासी खेल में सरकार अपनी कुर्सी बचाने में सफल रही थी. इसी तरह वर्ष 2020 में भी अशोक गहलोत सरकार गिराने की साजिश में सचिन पायलट के साथ भंवरलाल शर्मा का नाम आया था. कथित तौर पर भाजपा से जोधपुर सांसद व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ उनका एक ऑडियो भी वायरल हुआ. उस वक्त भी गहलोत सरकार गिराने की साजिश नाकाम रही थी. 


राहुल गांधी को कहा था 'जोकर'
भंवरलाल शर्मा ने राहुल गांधी को 'कांग्रेसी सर्कस का एमडी' बताया था. इस दौरान शर्मा ने कहा था कि सोनिया गांधी आपना ध्यान राहुल के प्रति प्यार दिखाने के बजाए लोगतात्रिंक तरीके से पार्टी को मजबूत करने और पुनर्गठन पर केंद्रित करें. उनके इस बयान के बाद उन्हें पार्टी ने सस्पेंड कर दिया गया था.


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