Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा सत्र के दौरान लाडपुरा विधायक कल्पना देवी ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में देवस्थान विभाग की जमीनों पर अतिक्रमण के मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में देवस्थान विभाग की भूमियों पर अतिक्रमण कर नित नई-नई कॉलोनियां काटी जा रही है. बेशकीमती जमीनों को कोडियों के भाव बेचा जा रहा है.


सस्ता प्लाट या जमीन मिलने के चक्कर में आम जनता भ्रमित हो जाती है. उन्होंने कहा कि देवस्थान विभाग को अपनी जमीनों को चिन्हित कर उनपर अपना बोर्ड लगाकर, या फिर चारदीवारी या सीसीटीवी कैमरे लगाकर इसकी निगरानी का दायित्व संबंधित थानाधिकारी या पटवारी को दिया जाना चाहिए, ताकि समय-समय पर वे इसकी रिपोर्ट उच्चअधिकारियों तक पहुंचा सके. जिससे भविष्य में अतिक्रमण की समस्या से निजात पाया जा सकता है.


देवस्थान मंत्री ने अतिक्रमण के मुद्दे पर दिया जवाब
सत्र के दौरान विधायक कल्पना देवी के द्वारा उठाए गए अतिक्रमण के मुद्दे पर जवाब देते हुए देवस्थान विभाग के मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा देवस्थान विभाग द्वारा प्रबंधित एवं नियंत्रित राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार मंदिर आत्म निर्भर मंदिरों की कुल 7294.43 हैक्टयर भूमि है जिसमें 2768.6064 हैक्टयर भूमि पर 1773 अतिक्रमियों का कब्जा है. जिनके खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में 263 वाद विचाराधीन है. उन्होंने बताया कि 12 सितम्बर 2018 से मंदिर भूमि पर अतिक्रमण की स्थिति पुजारी या पटवारी द्वारा ध्यान में लाए जाने पर तहसीलदार अतिक्रमी के विरुद्ध कार्रवाई इस प्रकार करेगें जैसे कि राजकीय भूमि पर अतिक्रमी के विरुद्ध करते हैं.


मंत्री जोराराम कुमावत ने आगे बताया कि सभी जिला कलेक्टर को मूर्ति मंदिर के भूमि संबंधी अतिक्रमण रिपोर्ट सिवायचक/चरागाह भूमि की तरह राजस्व कर्मियों से नियमित रूप से प्राप्त कर धारा- 91 राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 के अन्तर्गत उनके प्रकरण दर्ज कर तदनुसार प्रभावी नियंत्रण करने के निर्देश दे दिए गए है.


मुख्य सचिव की समीक्षा बैठक 5 नवंबर 2020 में प्रदत्त निर्देशों के अनुसरण में देवस्थान विभाग की कृषि भूमि पर काबिज अतिक्रमियों के विरुद्ध भू राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 91 एवं राजस्व विभाग 12 सितम्बर 2018 के अनुसार कार्रवाई करने के लिए समस्त जिला कलेक्टर्स को लिखा गया. इसी क्रम में समस्त सहायक आयुक्तों को 6 सितंबर 2021 को पत्र लिखे गए. इसके बावजूद भी हमारा विभाग लगातार अतिक्रमियों से देवस्थान विभाग की भूमि को अपने कब्जे में लेने के लिए प्रयासरत रहता है.


मंत्री जोराराम कुमावत ने विधायक को ठोस कदम उठाने का दिया आश्वासन
विधायक कल्पना देवी ने कहा कि पुराने रियासत कालीन समय से राजा-महाराजाओं ने मंदिरों के अतिरिक्त जमीन इसलिए रखी थी ताकि मंदिरों के रख-रखाव में कोई कमी न आए. इसके साथ ही इन मंदिरों में सेवा दे रहे पुजारी अपने परिवारों का भी पालन-पोषण कर सके. नियम तो बहुत बने हैं लेकिन उनका पालन नहीं हो रहा है.


इसपर मंत्री जोराराम कुमावत ने विधायक को आश्वस्त किया कि देवस्थान विभाग के मंदिरों पर जहां पर बोर्ड नहीं है वहां पर बोर्ड लगवाएंगे, देवस्थान की परिसंपत्तियों पर जो अतिक्रमण से मुक्त है, उन्हें चिन्हित कर उन संपत्तियों पर कलर पेंट एवं लेखन भी करवाएंगे. विभाग की वित्तिय संसाधनों को ध्यान में रखते हुए उनकी उपलब्धता होने पर प्रमुख मंदिरों को चिन्हित कर सीसीटीवी कैमरे भी लगाएंगे. मंदिरों एवं मंदिरों की परिसत्तियों के समग्र विकास एवं सुरक्षा के लिए विचार मंथन कर ठोस कदम उठाएंगे.


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