Rajasthan Election Result 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की है. लेकिन अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या बीजेपी आदिवासियों के दिल को भी जीत सकी है? इसका जवाब बीजेपी को खुश करते तो नहीं दिखाई दे रहा है. दरअसल राजस्थान की राजनीति में सबसे महत्वपूर्ण उदयपुर संभाग की आदिवासी सीटें मानी जाती हैं. यही कारण भी था कि इस इलाके में सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी और लगातार दिग्गजों के दौरे कराए. कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत को यहां भेजा तो बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस इलाके में दौरे किए.
अब जब नतीजे आ गए हैं तो साफ दिखाई दे रहा है कि उदयपुर संभाग के आदिवासी बहुल इलाके में मोदी-योगी फैक्टर का कुछ खास असर नहीं दिखा. उदयपुर संभाग की 16 जनजातीय आरक्षित सीटों में 50 फीसदी भी बीजेपी के खाते में न जा सकीं. यही नहीं पहली बार चुनाव में उतरी भारतीय आदिवासी पार्टी ने अपने प्रदर्शन से सबको चौंकाते हुए यहां अच्छा-खासा सक्सेस रेट हासिल किया. पहली बार चुनावी रण में उतरने वाली इस पार्टी ने सीटें भी जीतीं और वोटिंग प्रतिशत भी बढ़ाया. जानिए क्या हाल है जनजातीय सीटों के.
इन सीटों पर जीती बीजेपी
मेवाड़ और वागड़ की 28 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से 16 सीटें जनजातीय आरक्षित हैं. इसमें भी ज्यादा सीटें वागड़ के तीन जिलों में हैं. मेवाड़ में सिर्फ उदयपुर जिले में ही जनजाति आरक्षित सीट हैं. डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ तीनों जिलों में सभी 11 सीटें आरक्षित हैं. वहीं उदयपुर जिले में पांच सीटें आरक्षित हैं. मेवाड़ में तो बीजेपी को फायदा हुआ और पार्टी ने चार सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन वागड़ के तीनों जिलों में बीजेपी सिर्फ तीन सीटें ही जीत पाई. इसमें प्रतापगढ़ जिले की प्रतापगढ़ विधानसभा, डूंगरपुर जिले की सागवाड़ा और बांसवाड़ा जिले की गढ़ी विधानसभा में बीजेपी को जीत मिली. बांसवाड़ा जिले में तो बीजेपी पांच में से एक ही सीट जीत सकी.
नहीं चला मोदी-योगी फैक्टर!
बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिले की 11 आदिवासी सीटों को साधने के लिए चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गजों ने सभाएं की थीं. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान शामिल रहे. बीजेपी के दिग्गज अंतिम दिनों में पहुंचे और सभाएं कीं, लेकिन आदिवासी सीटों को साध नहीं पाए. हालांकि पीएम
नरेंद्र मोदी ने सागवाड़ा विधानसभा में सभा की थी, जहां बीजेपी जीती है, लेकिन बाकी सीटों पर इसका असर नहीं पड़ा.
भारत आदिवासी पार्टी ने चौंकाया
इस विधानसभा चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी से अलग होकर पहली बार चुनाव में उतरी भारत आदिवासी पार्टी ने सभी को चौंका दिया. भारतीय ट्राइबल पार्टी पिछले चुनाव में जो सीटों पर जीत दर्ज की थी, जब कि भारत आदिवासी पार्टी इस बार तीन सीटों पर जीती है. बड़ी बात तो ये कि बांसवाड़ा में करीब 25 प्रतिशत वोट इस पार्टी को मिले हैं. वहीं डूंगरपुर में चार सीटों में से दो सीटें भारत आदिवासी पार्टी को मिलीं और एक सीट पर भारत आदिवासी पार्टी दूसरे नंबर पर रही. साथ ही प्रतापगढ़ जिले की धरियावद सीट पर बीजेपी और कांग्रेस को हटाकर इस जिले में जीत दर्ज की.