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Rajasthan Monkeypox: कोरोना के बाद मंकीपॉक्स से बढ़ी टेंशन के बाद राजस्थान में अलर्ट, उदयपुर में उठाया गया बड़ा कदम
Monkeypox: डॉ. सुमन ने बताया कि मंकी पॉक्स वायरस से संक्रमित को पहले बुखार आता है, फिर शरीर पर चकत्ते पड़ने के साथ फफोले जैसे दाने निकल आते हैं. दो हफ्ते में लक्षण स्पष्ट हो जाते हैं.
Monkeypox: वैश्विक महामारी कोरोना (Corona) से हाल ही में छुटकारा मिल था कि अब जानवरों से होने वाली एक बीमारी का डर सताने लगा है. बीमारी से निपटने के लिए राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने एहतियातन अलर्ट जारी किया है. इसके तहत उदयपुर (Udaipur) के महाराणा भूपाल चिकित्सालय Maharana Bhupal Hospital) में आइसोलेशन वार्ड रिजर्व कर दिया है, जहां ऑक्सीजन, वेंटिलेटर के साथ कई सुविधाओं की व्यवस्था की गई है, हालांकि इस बीमारी का अभी देश में एक भी केस नहीं है, लेकिन 11 देशों में यह फैल चुकी है. ऐसे में यहां चिकित्सा विभाग तैयारियों में जुट गया है.
महाराणा भूपाल चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन ने बताया कि हॉस्पिटल के स्वाइन फ्लू वार्ड की पहली मंजिल के आइसोलेशन वार्ड को रिजर्व कर लिया गया है. इसमें 28 बेड हैं और ग्राउंड फ्लोर पर 11 बेड का वार्ड भी है. जरूरत पड़ने पर इसे भी काम लिया जा सकता है. यह बंदरों में होने वाली बीमारी अफ्रीकी लोगों में आम है, लेकिन अब दूसरे देशों में भी फैल रही है. इसका नाम 'मंकी पॉक्स' है. इसके अब तक 11 देशों में 80 केस सामने आए हैं. भारत में इसका एक भी संक्रमित नहीं मिला है. फिर भी सावधानी के तौर पर आइसोलेशन वार्ड आरक्षित किया गया है, ताकि कहीं कोई भी मामला सामने आ भी जाए तो उसे अलग वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा सके.
ये हैं मंकी पॉक्स के लक्षण
डॉ. सुमन ने बताया कि मंकी पॉक्स वायरस से संक्रमित को पहले बुखार आता है, फिर शरीर पर चकत्ते पड़ने के साथ फफोले जैसे दाने निकल आते हैं. दो हफ्ते में लक्षण स्पष्ट हो जाते हैं. इसमें करीब 10 प्रतिशत मरीजों को सांस लेने या गुर्दे में समस्या हो सकती है. बीमारी श्वास और शरीर पर होने वाले फफोलों से निकले पानी से फैलती है. संक्रमित जानवर काट ले, तो भी इंसान बीमार हो सकता है. संक्रमित को मास्क लगाना जरूरी है. ठीक होने के बाद भी मास्क और साफ-सफाई बेहद जरूरी है.
उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल में संक्रमित को 21 दिन तक आइसोलेट किया जाता है. मंकी पॉक्स एक वायरल इन्फेक्शन है, जो चूहों और खासकर बंदरों से इंसानों में फैल सकता है. अगर कोई जानवर इस वायरस से संक्रमित है और इंसान उसके संपर्क में आता है तो आशंका है कि उसे भी मंकी पॉक्स हो जाए. यहा देखने देखने में चेचक का बड़ा रूप लगता है.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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