Bharatpur News: राजस्थान के भरतपुर में रविवार को जिला कुश्ती संघ की ओर से 42वां दो दिवसीय लोहागढ़ केसरी दंगल का समापन हुआ. यह प्रतियोगिता लोहागढ़ स्टेडियम में आयोजित की गई. इसमें लोहागढ़ केसरी का खिताब जीतने वाले पहलवान को एक लाख 11 हजार रुपये का ईनाम दिया गया. इस दंगल में देश के ख्यातिनाम 121 से अधिक पहलवानों ने भाग लिया.दंगल में 'लोहागढ़ केसरी','लोहागढ़ कुमार', 'लोहागढ़ किशोर' और 'लोहागढ़ बसंत' खिताब के लिए पहलवानों ने जोर-आजमाइश की. आज की कुश्ती की मुख्य बात यह रही की 'लोहागढ़ बसंत' के खिताब के लिए दो सगे भाइयों ने जोर-आजमाइश की. इसमें पालेंद्र विजेता और उपविजेता पालवेंद्र रहे.
कौन सा खिताब किस पहलवान ने जीता
दंगल का शुभारंभ शनिवार को हुआ था. इसमें पहलवानों का वजन कराकर कुश्तियां शुरू की गई थीं.आज फाइनल कुश्ती खेली गई.फाइनल कुश्ती दंगल होने के बाद पारितोषिक वितरण हुआ. पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि विधायक और तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ.सुभाष गर्ग थे.
फाइनल कुश्तियों के बाद 'लोहागढ़ केसरी' का खिताब दीपक पूनिया ने जीता.विक्की चाहर उपविजेता रहे.इसी तरह 'लोहागढ़ कुमार' का खिताब दिल्ली के लक्ष्य ने जीता.सोनीपत के अमित उपविजेता अमित रहे.'लोहागढ़ किशोर' का खिताब दिल्ली के सुमित ने जीता.इसके उपविजेता दिल्ली के रिंकू रहे.'लोहागढ़ बसंत' में विजेता पालेंद्र रहे. उपविजेता का खिताब उनके भाई पालवेंद्र के नाम रहा.
दंगल में लोहागढ़ केसरी खिताब के विजेता को 1 लाख 11 हजार और एक गुर्ज दी गई. उपविजेता को 51 हजार और तृतीय स्थान पर रहे पहलवान को 10 हजार और चतुर्थ स्थान पर रहे पहलवान को पांच हजार रुपये का इनाम दिया गया.लोहागढ़ कुमार खिताब के विजेता को 51 हजार, द्वितीय को 21 हजार, तृतीय को पांच हजार,चतुर्थ को तीन हजार,लोहागढ़ किशोर खिताब के प्रथम विजेता को 21 हजार, द्वितीय को 10 हजार, तृतीय को तीन हजार, चतुर्थ को दो हजार, लोहागढ़ बसंत खिताब के विजेता को 11 हजार, द्वितीय को पांच हजार, तृतीय को दो हजार, चतुर्थ को एक हजार रुपये का इनाम दिया गया.
भरतपुर में खेल सुविधाएं
इस अवसर पर राज्यमंत्री डॉक्टर गर्ग ने कहा कि सभी पहलवान खेल को खेल की भावना से खेलें और अगर किसी पहलवान की हार होती है तो निराश न हों आगे और अच्छी मेहनत कर तैयारी करें जिससे उन्हें जीत हासिल हो सके.उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खेलों को जो बढ़ावा दिया है. भरतपुर में भी सलीम दुर्रानी स्पोर्ट्स स्कूल खोला जाएगा, स्टेडियम में इनडोर हॉल बन रहा है.कई नए कोच भी लगाए गए हैं. इसलिए युवाओं को अब खेल में भाग लेकर भरतपुर का, राजस्थान का और अपने देश का नाम रोशन करना है. उन्होंने कहा कि कुश्ती और कब्बडी भरतपुर का पुराना खेल है. इसे आज तक कुश्ती दंगल के आयोजक जिंदा रखे हुए हैं.
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