Rajasthan Chieef Minister: राजस्थान की मालवीयनगर विधानसभा सीट से जीत का चौका लगाने वाले भारतीय जनता पार्टी के विधायक कालीचरण सराफ ने सूबे की सियासत को लेकर बड़ी जानकारी साझा की है. राजस्थान में अभी एक सवाल यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि बीजेपी किसको मुख्यमंत्री बनाएगी. कालीचरण सराफ ने एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान इसी सवाल का सीधा जवाब तो नहीं दिया, लेकिन इशारों-इशारों में बहुत कुछ कह दिया. उन्होंने बताया कि चुनावी नतीजे सामने आने के बाद से अब तक लगभग 70 से ज्यादा बीजेपी विधायक पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर नेता वसुंधरा राजे सिंधिया से मिल चुके हैं.


कालीचरण सराफ द्वारा किए गए इस खुलासे से राजस्थान में अगला मुख्यमंत्री कौन हो सकता है इसकी हल्की सी झलक जरूर दिखाई दी है. दरअसल वसुंधरा राजे सिंधिया बीजेपी की ओर से राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं, लेकिन इस बार पार्टी ने आंतरिक कलह को दबाने के इरादे से चुनाव के पहले उनको सीएम फेस नहीं बनाया. अब चुनाव संपन्न हो चुके हैं और बीजेपी के पास बहुमत भी है. ऐसे में फिर सवाल खड़ा हो गया है कि बीजेपी किसको मुख्यमंत्री बनाएगी. वहीं वसुंधरा ने भी अपनी दावेदारी दिखाने के लिए दांव चलना शुरू कर दिया है.


इशारों-इशारों में वसुंधरा को बड़ा बताया...


इस बाबत जब कालीचरण सराफ से बात की गई तो उन्होंने सीधे तौर पर ये नहीं कहा कि वसुंधरा राजे सिंधिया ही राज्य की मुख्यमंत्री बनेंगी. इसकी जगह वो लगातार ये कहते रहे कि पार्टी आलाकमान जो तय करेगा, वही फैसला उनके लिए मान्य होगा. कालीचरण सराफ ने भले ही सीधे-सीधे वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बनाने की बात न की हो, लेकिन उन्होंने राजे के प्रशासन और प्रदेश पर कंट्रोल की क्षमता का जमकर बखान जरूर किया है. 


उन्होंने कहा है कि बीजेपी की सबका साथ सबका विकास वाली थ्योरी पर वसुंधरा राजे सिंधिया खरी उतरती हैं. सराफ ने कहा कि वसुंधरा राजे सिंधिया पार्टी की कद्दावर नेता हैं और चुनाव प्रचार के दौरान वो जहां-जहां गईं, उनमें से एक-दो सीट छोड़ दें तो लगभग सभी पर बीजेपी को जीत मिली है. सराफ ने भले ही राजस्थान के यक्ष प्रश्न बने मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कुछ सीधे-सीधे कुछ नहीं कहा है, लेकिन उनका इशारा साफ तौर से वसुंधरा राजे सिंधिया की ओर ही है.


35 हजार से ज्यादा वोट से जीते सराफ


गौरतलब है कि बीजेपी ने कालीचरण सराफ को इस बार भी मालवीयनगर विधानसभा सीट से टिकट दिया था. उन्होंने पार्टी के फैसले को सही साबित करते हुए इस सीट पर चौथी बार जीत हासिल की. उन्हें कुल 92,506 वोट मिले और उन्होंने कांग्रेस पार्टी की अर्चना शर्मा को 35 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया.


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