Mount Abu Crime News: राजस्थान (Rajasthan) का कश्मीर कहा जाने वाल माउंट आबू (Mount Abu) ऊंची पहाड़ी पर स्थिति है. ये अपनी खूबसूरती से सभी को आकर्षित करता है. यहां पहली बार बाल आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है. बाल आयोग की टीम ने ऑपेरशन चलाकर गुरुवार सुबह एक साथ करीब 25 बच्चों को रेस्क्यू किया.
इसमें चौकाने वाली यह बात सामने आई है पिछले एक साल में यहां थानें में चाइल्ड लेबर या मानव तस्करी से जुड़ी एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. यानी बड़ी संख्या में चाइल्ड लेबर कराया जा रहा था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. वहीं सभी बच्चों को लेकर सिरोही जिला मुख्यालय ले लाया जाया गया और आगे की कार्रवाई यहीं पर की जाएगी.
लगातार मिल रही थी शिकायतें
राजस्थान बाल आयोग के सदस्य शिव नागा ने बताया कि लंबे समय से माउंट आबू में चाइल्ड लेबर, बच्चियों से अनैतिक काम और मानव तस्करी से जुड़ी सूचनाएं मिल रही थी. वहां काम कर रहे एनजीओ आसारा विकास संस्था ने भी शिकायत की थी. इसके बाद गुरुवार सुबह बाल आयोग के पूर्व सदस्य शैलेन्द्र पंड्या और आसरा विकास संस्था के संचालक भोजराज सिंह समेत अन्य लोगों की टीमें बनाई गईं. टीमों ने अलग-अलग होटल और रेस्टॉरेंट में एक साथ धावा बोला. रेस्टॉरेंट और होटल के अंदर बच्चे काम करते हुए पाए गए. इस ऑपेरशन में माउंट आबू पुलिस भी साथ थी. कोई बच्चा सब्जियां काट रहा था, तो कोई पोछा लगा रहा था.
कोई बच्चा बर्तन धो रहा था. इन सभी जगहों से करीब 25 बच्चों को रेस्क्यू किया गया और होटल संचालकों के नाम लिखे गए. फिर बच्चों को माउंट आबू पुलिस थाने लाया गया. इसके बाद होटलों और रेस्टॉरेंट संचालकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई. अब बच्चों के दस्तावेज के आधार पर उनकी उम्र देखी जाएगी और आगे की कार्रवाई होगी. जो बच्चे इन होटलों और रेस्टॉरेंट में काम करते पाए गए, वो 14-16 साल के बीच लग रहे हैं. हालांकि बच्चियों के साथ अनैतिक काम की बात प्राथमिक रूप से सामने नहीं आई है.
थाने में एक भी एफआईआर नहीं
आयोग सदस्य ने बताया कि चौकाने करने वाली बात यह है कि यहां इतनी बड़ी संख्या में चाइल्ड लेबर कराया जा रहा था, लेकिन पुलिस थाने में पिछले एक साल में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं है. कह सकते हैं कि एक भी कार्रवाई नहीं हुई. हमने अभी भी टीमों को माउंट आबू में लगा रखा है, जो चाइल्ड लेबर पर नजर रखेंगी और रिपोर्ट करेंगी.