Indore: जिस सिरपुर तालाब को PM मोदी ने देखा, उसे निगल रही जलकुंभी, प्रवासी पक्षियों की राह मुश्किल
MP News: इंदौर के सिरपुर तालाब का एक बड़ा हिस्सा जलकुंभी से ढक चुका है. इसकी वजह से प्रवासी पक्षियों की राह मुश्किल लग रही है. कई शिकायतों के बाद भी निगम का सुस्त रवैया है.
Hyacinth Problem in Sirpur Pond: इंदौर सातवां आसमान छूने का भरपूर प्रयास कर रहा है. 6 बार स्वच्छता में नम्बर एक आने के बाद इंदौर सांतवीं बार भी नंबर वन बनने के प्रयास कर रहा है. लेकिन एक जगह ऐसी है जिसे साफ किए बिना ये कोशिश अधूरी सी है. और वो जगह है इंदौर का सिरपुर तालाब. इस तालाब में जलकुंभी ने प्रर्यावरण प्रेमियों की चिंता बढ़ा दी है. क्योंकि जलकुंभी बढ़ने से ये तालाब खत्म होने की कगार पर है.
सिरपुर तालाब में जलकुंभी का जाल
बेशक शहर स्वच्छता में सातवी बार नंबर वन आने की तैयारी कर रहा है, लेकिन शहर के सिरपुर तालाब का एक बड़ा हिस्सा स्वच्छता की बाट जोह रहा है. हर साल सैकड़ों पक्षियों को आकर्षित करने वाले सिरपुर तालाब में इन दिनों जलकुंभी का जाल नजर आ रहा है. सिरपुर तलाब का वह हिस्सा, जिसे छोटा सिरपुर कहा जाता है, वह जलकुंभी से ढक गया है. इसके कारण प्रवासी पक्षियों के यहां आने की राह मुश्किल हो रही है. इसके साथ ही सिरपुर तालाब क्षेत्र में पर्यटन के लिए यहां की प्राकृतिक संरचना से खिलवाड़ पर भी जानकारों ने नाराजगी जाहिर की है.
एक बड़ा भाग जलकुंभी से ढक चुका है
इंदौर के जिस तालाब को साफ करने की बात निगम प्रशासन के अधिकारियों से एन्वायरमेंट प्लानिंग एंड कोआर्डिनेशन आर्गेनाइजेशन के अधिकारी कह चुके हैं, उसकी स्थिति जस की तस ही है.हम बात कर रहे है रामसर साइट का दर्जा हासिल कर चुकी सिरपुर तालाब की. जहां का एक बड़ा भाग जलकुंभी से ढक चुका है. पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि यह अनदेखी शहर के पर्यावरण पर बुरा प्रभाव डाल सकती है. इसके बावजूद निगम अभी भी सुस्त रवैया अपनाए हुए है. इसके अलावा तालाब में मिलने वाले जल-मल को रोकने की बात भी की थी. इस दिशा में अभी तक कोई काम नहीं हुआ. सिरपुर में जलकुंभी हटाने की मशीन होने के बावजूद अभी तक कार्य शुरू नहीं किया गया है.
मशीन होने के बावजूद काम नहीं किया जा रहा है
सिरपुर के संरक्षण के लिए कार्य कर रही सामाजिक संस्था द नेचर वालेंटियर्स के अध्यक्ष पद्मश्री भालू मोंढ़े बताते हैं कि इस मामले में कई बार अधिकारियों से बात की जा चुकी है. यहां मशीन होने के बावजूद काम नहीं किया जा रहा है. जलकुंभी से तालाब का एक-तिहाई भाग ढंक चुका है. पक्षी तालाब और उसके कारण निर्मित हुए प्राकृतिक वास के कारण यहां आते हैं. यदि तालाब जलकुंभी से ढंक गया तो पक्षी यहां नहीं आएंगे, जिससे प्रकृति का चक्र बिगड़ सकता है. यही नहीं, ऐसी हालत में रामसर लेख की सूची से भी सिरपुर तालाब का नाम हटने की संभावना बन सकती है . इधर सिरपुर तालाब से बड़े हिस्से से जलकुंभी कब हटाई जाएगी, इसके बारे में निगम के पास भी कोई ठोस जवाब नहीं है.
ये भी पढ़ें