Bharatpur News: भरतपुर जिले के नगर के सुंदरावली गांव निवासी जीतराम गुर्जर पुलवामा हमले (Pulwama Terror Attack) में शहीद हो गए थे. प्रशासन ने उनकी वीरांगना सुंदरी को नगर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सुंदरी को भर्ती कराने के साथ ही अस्पताल में पुलिस ने पहरा लगा दिया है. शहीद की वीरांगना, उसकी बड़ी बेटी और देवर को अस्पताल मे भर्ती कराया गया था. इन लोगों से किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा है. सुंदरी से मिलने भरतपुर की सांसद रंजीता कोली (BJP MP Ranjeeta Koli) पहुंचीं. इस दौरान पुलिस की सांसद रंजीता कोली और उनके समर्थकों के साथ जमकर धक्का मुक्की हुई.इसके बाद सांसद अस्पताल में ही धरने पर बैठ गईं. काफी हंगामा होने के बाद भी सांसद को वीरांगना से नहीं मिलने दिया गया.
अस्पताल में हुआ हंगामा
शुक्रवार सुबह ही शहीद की वीरांगना सुंदरी देवी,देवर विक्रम और बेटी सुमन को पुलिस जयपुर से ले आई. इन तीनों को नगर के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया. इस दौरान पूरा अस्पताल पुलिस छावनी तब्दील हो गया. किसी को भी वीरांगना या अस्पताल में मौजूद उसके परिजनों से नहीं मिलने दिया गया.शाम करीब साढ़े छह बजे सांसद रंजीता कोली वीरांगना से मिलने सरकारी अस्पताल पहुंचीं. उनके साथ उनके समर्थक भी थे. सांसद के समर्थक और बीजेपी के कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए अस्पताल में घुसे. उसके बाद सांसद वीरांगना से मिलने जाने लगीं. इस पर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका.इसके बाद सांसद के समर्थकों, उनके सुरक्षा गार्डों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई. इस हंगामे के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
बीजेपी सांसद के क्या आरोप हैं
रंजीता कोली ने बताया की सुंदरी से जब मैंने पूछा कि क्या उसकी तबियत खराब है तो उसने बताया कि उसकी तबियत खराब नहीं है. उसका कहना था कि मुझे मेरे बच्चों के पास लेकर जाइये. इसके बाद बाहर तैनात सुरक्षा गार्डों से मैंने रिक्वेस्ट की सुंदरी को बच्चों के पास छोड़ दिया जाए, क्योंकि सुंदरी को बंधक बनाकर रखा गया है और यह सरासर गलत है. जब मैंने सुंदरी को उसके घर ले जाना चाहा तो मेरे ऊपर हमला किया गया. इसमें मेरे हाथ में चोट आई है. मेरी चेन भी गिर गई है. उन्होंने कहा कि पूरा देश वीरांगनाओं का सम्मान करता है. उन्होंने कहा कि जब सुंदरी को कोई परेशानी नहीं है तो उसे अस्पताल में बंधक बनाकर क्यों रखा गया है. उन्होंने कहा कि पहले तो माहिलाओं के ऊपर अत्याचार होता था अब वीरांगनाओं के ऊपर भी अत्याचार हो रहा है.
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