Kota MSME Exhibition: कोटा का दशहरा मैदान शनिवार से प्रारंभ हो रहे एमएसएमई प्रदर्शनी और मेले की मेजबानी के लिए तैयार हो रहा है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय द्वारा एसएसआई एसोसिएशन के सहयोग से यह मेला आयोजित किया जा रहा है. इस मेले में 4 से 6 मार्च तक देश के मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्योगों की शक्ति की झलक देखने को मिलेगी. एमएसएमई प्रदर्शनी और मेले में देश भर से एमएसएमई इकाइयां भाग लेंगी. इनमें से कई इकाइयां ऐसी हैं, जिन्होंने भारत के साथ-साथ दूसरे देशों में भी अपनी पहचान स्थापित किया है. इन इकाइयों के यहां आने से स्थानीय उद्यमियों को भी अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए प्रेरणा मिलेगी.


वैल्यू एडीशन करने के गुर सीखेंगे


इस मेले में भारत सरकार की संस्था कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण की ओर से भी खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्य कर रही एमएसएमई इकाइयों को आमंत्रित किया गया है. इससे यहां खाद्य और कृषि क्षेत्र से जुड़े किसानों और व्यापारियों को अपनी उपज में प्रसंस्करण के माध्यम से वैल्यू एडीशन करने के गुर सीखने को मिलेगी.


उत्पादों को विदेश में निर्यात करना सीखेंगे


मेले में इंडियन ट्रेड प्रोमोशन ऑगेर्नाइजेशन के प्रतिनिधि भी आएंगे. इनसे स्थानीय उद्यमियों को अपने उत्पादों को विदेश निर्यात करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को जानने और पंजीकरण करवाने की जानकारी भी मिलेगी. इससे कोटा समेत हाड़ौती भर के एमएसएमई विदेशों तक अपना उत्पाद भेजने में सक्षम बन सकेंगे.


कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि 1990 से लेकर 2000 तक कोटा का संपूर्ण औद्योगिक विकास हो रहा था. उसमें एक ठहराव आ गया था. कोटा व्यापार संग इस तरह का प्रयास कर रहा है कि कोटा में पुनः औद्योगिक विकास हो सके. क्योंकि कोटा को औद्योंगिक नगरी के रूप में जाना जाता है. कोटा आर्थिक रूप से इतना सफल बने इतना सशक्त बने कि पूरे देश के आर्थिक नगरी के रूप में कोटा को पहचाना जाये. 


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