जयपुर: वैसे तो कई सरकारी योजनाएं ऐसी हैं जो उद्योग जगत के लिए बेहतर माहौल बना रही हैं.लेकिन राजस्थान में मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना (Mukhyamantri Laghu Udhyog Protsahan Yojana ) एक बेहतर योजना है. यह योजना 2019 से चल रही है.सरकार ने इसे मजबूती से लागू करने के लिए सारे प्रयास किए हैं. इसमें सबसे खास बात यह है कि 18 साल आयु वाले युवा इसके लिए योग्य हैं.इसमें 10 करोड़ रुपये तक का ऋण मिल जाता है. युवाओं को व्यापार करने में धन की कोई कमी न आए सरकार ने इसे बनाया है.इसमें हस्तशिल्पी बुनकरों के लिए छूट भी है.आइये जानते हैं क्या है इसकी विशेष खासियत.
मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना क्या है ?
स्वयं के उद्यम (विनिर्माण, सेवा और व्यापार) की स्थापना और स्थापित उद्यम के विस्तार/विविधिकरण/आधुनिकीकरण के लिए कम लागत पर ऋण उपलब्ध करवाकर रोजगार के नवीन अवसरों का सृजन करना है. इसे 17 दिसंबर 2019 को शुरू किया गया था. यह योजना 31 मार्च 2024 तक चलेगी.
ऋण राशि और ब्याज पर कितना है अनुदान
उद्यम श्रेणी नवीन विनिर्माण और सेवा उद्यम पर अधिकतम ऋण 10 करोड़ रुपए तक मिल सकता है.इसपर 25 लाख रुपये तक आठ फीसदी तक ब्याज अनुदान मिलता है.विस्तारित विनिर्माण और सेवा उद्यम में एक करोड़ तक राशि मिल सकती है. इसमें 25 लाख से 5 करोड़ तक पर छह फीसदी ब्याज है. वहीं नवीन या विस्तारित व्यापार उद्यम पर एक करोड़ से 10 करोड़ तक पर पांच फीसदी ब्याज पर कर्ज मिलता है.वित्तीय संस्थाओं द्वारा 10 लाख रुपये तक के ऋण वितरित पात्र उपक्रम भी योजनान्तर्गत लाभ हेतु पात्र होंगे.ऐसे प्रकरणों में फार्म-2 (अ) और 2 (ब) में जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र में आवेदन करना होगा.
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ
18 साल या इससे अधिक आयु वाले व्यक्तिगत आवेदक, संस्थागत आवेदक (स्वयं सहायता समूह ,सोसायटी, भागीदार फर्म, एलएलपी फर्म / कंपनियां इसके लिए आवेदन कर सकती हैं. इस योजना के तहत उद्यम का स्थापना क्षेत्र राजस्थान राज्य होगा.
इनको नहीं मिलेगा योजना का लाभ
मांस-मदिरा और मादक पदार्थों से बने उत्पादों का निर्माण व विक्रय, परिवहन वाहन,जिसकी ऑन-रोड कीमत 10 लाख रुपये से अधिक हो और पुनःचक्रित न किए जा सकने वाले पॉलिथीन एवं पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले प्लास्टिक उत्पाद. भारत सरकार और राज्य सरकार समय-समय पर प्रतिबंधित उत्पाद कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां (पशुपालन,पक्षीपालन, मत्स्य पालन सहित ) खनन, रियल एस्टेट और संबंधित गतिविधियां. शैक्षणिक संस्थान और कोचिंग संबंधित गतिविधियां, अलाभकारी संस्थाओं जैसे एनजीओ और ट्रस्ट की ओर से संचालित गतिविधियां और विस्फोटक पदार्थ बनाने वालों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
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