(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jodhpur News: नगरीय विकास शुल्क नहीं चुकाने वालों की अब खैर नहीं, जोधपुर नगर निगम ने की ये तैयारी
Rajasthan News: नगर निगम दक्षिणी पर द्वितीय वर्ष का करीब 25 करोड़ रुपए बकाया है. इससे पहले के भी करोड़ों रुपए का बकाया चल रहा है, जिसकी वजह से अब निजी फर्म को टैक्स वसूली का काम सौंपा गया है
Jodhpur News: एक ओर सरकार व कर्मचारी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जोधपुर नगर निगम दक्षिण (Nagar Nigam Jodhpur south) ने निजी ठेकेदारों को नगरीय विकास शुल्क (Urban Development Tax) वसूली का ठेका दे दिया है. अब आपको बताते हैं कि नगरीय विकास शुल्क की वसूली कब और कैसे होगी? जोधपुर नगर निगम दक्षिणी के अनुसार यदि आपने नगरीय विकास शुल्क नहीं चुकाया तो कभी भी आपके घर, दुकान पर वसूली के लिए कोई भी दस्तक दे सकता है. टैक्स वसूले में पूरी तरह सफल नहीं हो पा रही नगर निगम दक्षिणी ने अब टैक्स वसूली का काम ठेके पर दे दिया है. ठेकेदार फर्म अगले कुछ ही दिनों में वसूली शुरू करेगी, हालांकि सब कुछ निगम के नियंत्रण में होगा लेकिन ठेकेदार अपने स्तर से एजेंसी के जरिए टैक्स की वसूली करेगा. टैक्स की वसूली जयपुर के बाद जोधपुर में शुरू की जा रही है.
बता दें कि शहर के विकास में नगरीय विकास शुल्क बहुत मायने रखता है, लेकिन नगर निगम पूरा शुल्क वसूल नहीं कर पा रहा है. नगर निगम दक्षिणी पर द्वितीय वर्ष का करीब 25 करोड़ रुपए बकाया है. इससे पहले के भी करोड़ों रुपए का बकाया चल रहा है, जिसकी वजह से अब निजी फर्म को टैक्स वसूली का काम सौंपा गया है. निगम ने टेंडर के जरिए यह काम यासी कंसलटेंसी नामक फर्म को दिया है. यह फॉर्म अब निगम से आंकड़े जुटाकर अपने संसाधनों से वसूली का काम शुरू करेगी. बता दें कि राज्य सरकार ने वर्ष 2007 में नगरीय विकास शुल्क शुरू किया था इससे पूर्व गृह कर लिया जाता था.
14 हजार से ज्यादा प्रॉपर्टी दायरे में
नगर निगम दक्षिण में 14 हजार से ज्यादा प्रॉपर्टी नगरीय विकास शुल्क के दायरे में है. इसमें 8789 आवासीय, 3708 वाणिज्यिक, 144 औद्योगिक, 261 संस्थानिक और 1450 प्रॉपर्टी मिक्स उपयोग वाली है.
सफल हुआ मॉडल तो उत्तर भी करेगा पहल
जोधपुर शहर का नगर निगम दो निगमों में बटा हुआ है उत्तर और दक्षिण. दक्षिणी नगर निगम पर नगरीय विकास शुल्क के नाम पर करोड़ों रुपए बकाया है. यदि दक्षिणी निगम के निजी ठेकेदार से वसूली का यह मॉडल सफल हुआ तो आने वाले दिनों में नगर निगम उत्तर भी इस मॉडल को लागू कर सकता है.
निजी फर्म को दिया वसूली का जिम्मा
अरुण पुरोहित, आयुक्त, नगर निगम दक्षिण ने बताया कि नगरीय विकास शुल्क की वसूली का काम 5 साल के लिए अब निजी फर्म को दिया गया है, करार में कई शर्ते लगाई गई हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा शुल्क वसूली की जा सके. नगरीय विकास शुल्क जमा कराने में सभी शहर वासियों से सहयोग को करना चाहिए जिससे शहर का विकास लगातार अनवरत रूप से हो सके.
यह भी पढ़ें: