Rajasthan News: राजस्थान के नागौर (Nagaur) कोर्ट परिसर के बाहर दहशत फैलाते हुए खुलेआम गोलियों से भूनकर गैंगस्टर संदीप विश्नोई का मर्डर करने वाले गैंग का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस (Nagaur Police) ने मुख्य प्लानर समेत तीन शूटर्स को गिरफ्तार किया है. यह दीप्ति और सुनील गैंग ने कराया था. दीप्ति गैंग के सरगना दीप्ति सिंह ने दोस्त के मर्डर का बदला लेने के लिए संदीप की हत्या करवाई. गैंगस्टर संदीप के मर्डर के लिए दोनों गैंग के सरगना 7 साल से प्लान बना रहे थे. 


एसपी ने क्या बताया
नागौर एसपी राममूर्ति जोशी ने बताया कि, नागौर पुलिस ने पंजाब के अजीतनगर के रहने वाले सुनिल शर्मा, हरियाणा के हिसार निवासी संदीप लांबा और फतेहाबाद हरियाणा निवासी जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है. एसपी जोशी ने बताया कि गैंगस्टर संदीप से सुनील की दुश्मनी 2009 में शुरू हुई थी. संदीप विश्नोई ने सुनील के जीजा और उनके परिवार के एक सदस्य का 25 जून 2009 को मर्डर कर दिया था. इसके बाद संदीप ने बहन की चूड़ियां तोड़ने की रस्म में गैंगस्टर संदीप को मारने की कसम खाई थी. संदीप को मारने के लिए सुनिल 2011 में कुलवीर तानसेन गैंग से जुड़ा. इन हत्यारों की धरपकड़ के लिए पुलिस की स्पेशल टीम ने 450 किलोमीटर के दायरे में 900 सीसीटीवी कैमरे और एक लाख से अधिक मोबाइल नंबरों को ट्रेस किया.


Rajasthan Congress Crisis Live: कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर सकते हैं सीएम अशोक गहलोत, दिल्ली में सोनिया गांधी से कर सकते हैं मुलाकात


शुरू हुई थी गैंगवार
इस बीच दीप्ति और संदीप के बीच गैंगवार शुरू हुई. दीप्ति ने 2013 में संदीप के दोस्त किशोरी की हत्या कर दी थी. इसके बाद संदीप ने 2015 में हिसार में ही दीप्ति के खास दोस्त संदीप गोदारा की हत्या कर दी. दोनों के बीच गैंगवार की आशंका बढ़ गई. सुनील 2015 में जब जेल से बाहर आया तो दीप्ति के साथ मिलकर संदीप को मारने का प्लान बनाया और तभी से दोनों संदीप के मर्डर की प्लानिंग कर रहे थे. इसी का बदला लेने के लिए सुनील खुद 19 सितंबर को नागौर पहुंचा और दिनदहाड़े 9 फायर कर गैंगस्टर संदीप को मौत के घाट उतार दिया.


पहले भी किए थे प्लानिंग
पुलिस ने बताया कि, साल 2015-16 से सेठी की हत्या के लिए रेकी करने लगे. इसके लिए दिल्ली, भीलवाड़ा, हिसार, झुंझुनूं, गुड़गांव और जोधपुर कोर्ट सहित अन्य जगहों पर संदीप की पेशी के दौरान रेकी की गई. पुलिस कस्टडी होने के चलते हत्या करने में नाकाम रहे. इधर, आरोपियों ने संदीप की रेकी करने के लिए ई-कोर्ट ऐप डाउनलोड कर रखा था. वे यहां से रेकी कर रहे थे कि संदीप की कहां और कब पेशी होनी है. ऐसे में हर पेशी पर उसे मारने की कोशिश की लेकिन वह बचता गया.


आरोपियों ने क्या बताया
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, 19 सितंबर से पहले भी वे संदीप को नागौर में मारने की कोशिश कर चुके थे. 28 जुलाई और 16 अगस्त को नरेश सांखला मर्डर केस में पेशी थी. शूटर इन दिनों दोनों तारीख पर नागौर में थे, लेकिन पुलिस की मौजूदगी में वे मर्डर नहीं कर पाए. ऐसे में संदीप की जमानत का इंतजार किया और 12 सितंबर को जमानत मिलते ही अगली पेश पर मर्डर की प्लानिंग की. 19 सितंबर को पेशी के बाद जैसे ही संदीप कोर्ट से बाहर आया उसे गोलियों से भून दिया गया.


Rajasthan Political Crisis: इस्तीफा देने वाले विधायकों के बदले सुर, कहा- जिस कागज पर साइन किए उसमें क्या था पता नहीं