Nagaur News: राजस्थान के नागौर जिले में मिलने वाली लावारिस लाशों का वारिस बन कर उनके अंतिम संस्कार को संपन्न कराने वाले एक शख़्स का मानवीय सरोकार लगातार जारी है. कभी किसी हादसे में तो कभी प्राकृतिक तो कभी अज्ञात हालात में मिलने वाले शवों को यह शख्स खुद उन शवों का वारिस बन विधि विधान से अंतिम संस्कार को संपन्न कराता है. 


अंतिम संस्कार के बाद गंगा में विसर्जित करते हैं अस्थियां 
बता दें कि अंतिम संस्कार के विधान की प्रक्रिया श्मशान तक ही सम्पन्न नहीं होती बल्कि यह शख्स बकायदा रीति-रिवाज के अनुसार उनकी अस्थियों को हरिद्वार जाकर गंगा में विसर्जित भी करता है. मेड़ता सिटी निवासी अनिल थानवी करीब डेढ़ दशक से यह सामाजिक सरोकार का यह कार्य कर रहे हैं. एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अनिल थानवी का अभियान लगातार जारी है. लावारिस लाशों का वारिस बन कर उनका अंतिम संस्कार करना ही अब उनका उद्देश्य बन गया है. 


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अनिल ने 109वां अंतिम संस्कार किया
अनिल थानवी ने हाल ही में इसी कड़ी में नागौर जिले के छोटी खाटू थाना क्षेत्र में मिले एक लावारिस शव का अंतिम संस्कार कराया. थानवी द्वारा लावारिस लाशों का वारिस बन कर अंतिम संस्कार कराने के क्रम में यह 109वां अंतिम संस्कार था. लावारिस लाश का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से छोटी खाटू में पुलिस की मौजूदगी में किया गया. थानवी ने बताया कि खूंखुना थाने की छोटी खाटू चौक पुलिस चौकी क्षेत्र में एक अज्ञात व्यक्ति की लाश मिली, जिसकी शिनाख्त न्यूज़ पेपर में विज्ञापन देने और मोबाइल के माध्यम से भी नहीं हो सकी. 


कोविड काल में अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार कराया
अखबार के माध्यम से सूचना जब अनिल थानवी के पास आई तब उन्होंने छोटी खाटू पुलिस चौकी से बात की. जिस पर सहमति मिलने पर मृतक का अंतिम संस्कार उसके धर्म के अनुसार हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार किया. कोविड काल में भी मिले कई अज्ञात शवों का अनिल थानवी ने अंतिम संस्कार कराया था. अनिल अपने स्तर पर लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करते हैं. 


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