Name Transfer Scam: दशकों पुराने नामांतरण (Name Transfer) को रद्द कर उसकी जगह दूसरे पक्ष के समर्थन में नामांतरण खोलने के मामले में भ्रष्टाचार निरोोधक ब्यूरो (ACB) की विशेष अदालत ने संज्ञान लिया है. इसके साथ ही राजस्व बोर्ड (Revenue Board) के तत्कालीन अध्यक्ष उमराव सालोदिया (Umrao Salodia), सदस्य हरिशंकर भारद्वाज, तहसीलदार अरविंद कुमार शर्मा, लाभार्थी रणवीर सिंह, पटवारी नारायण मीणा, भू अभिलेख निरीक्षक मक्खनलाल मीणा को नोटिस भेजा है. इन सभी को एसीबी की कोर्ट-2 में 18 मई को पेश होना होगा. सालोदिया पूर्व आईएएस अधिकारी हैं. वह राजस्व बोर्ड से ही रिटायर हुए हैं जबकि हरिशंकर पूर्व आरएएस अधिकारी है. 


विशेष अदालत ने उमराव सालोदिया और हरिशंकर भारद्वाज के खिलाफ पीसी एक्ट की धारा 13 (1) और सपठित धारा 120 बी और आईपीसी की धारा 166 के तहत संज्ञान लिया गया है. कोर्ट का कहना है कि आरोपियों ने आपराधिक षडयंत्र रचते हुए रणवीर सिंह को फायदा पहुंचाया है. 


यह भ्रष्टाचार का पूरा मामला
वर्ष 2012 में नानगराम नाम के व्यक्ति ने एसीबी से मामले की शिकायत की थी. अपनी शिकायत में नानगराम ने आरोप लगाया था कि नींदड गांव में 1954 से 77 बीघा 15 बिस्वा जमीन पर उनके पूर्वज काश्तकारी कर रहे हैं. 1954 में जागीरदार ने नजराना लेकर परिवार के नाम पट्टा जारी किया था. हालांकि इसके बाद भी जागीरदार के बेटे रणवीर सिंह ने नामांतरण रद्द करने की कार्रवाई शुरू की. नानगराम ने आरोप लगाया कि राजस्व मंडल के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से नामतरण कराया गया. आरोप में यह भी कहा गया है कि तब राजस्व मंडल के अध्यक्ष सालोदिया से उन्होंने शिकायत की थी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. राजस्व मंडल ने 2012 में न केवल नामांतरण रद्द कर दिया बल्कि रणवीर सिंह के पक्ष में ही नामांतरण खोल दिया. शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने मामले की जांच शुरू की थी और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की गई थी और अब कोर्ट ने सभी आरोपियों को समन जारी किया है.


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