Udaipur News: इस साल विधानसभा और फिर अगले वर्ष लोकसभा चुनाव है.इसमें आदिवासी समाज को साधने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. राजस्थान में 11 एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल खोलने की घोषणा की गई है. इसमें से छह अकेले उदयपुर संसदीय क्षेत्र में ही खुलेंगे. इनमें से दो स्कूलों का तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीकर दौरे पर लोकार्पण भी कर दिया है. अब शेष 4 स्कूलों पर काम तेजी से चल रहा है. अब सवाल यह उठता है कि राजस्थान में राज्य सरकार की तरफ से पहले से ही आदिवासी बच्चों के लिए रेजिडेंशियल स्कूलों का संचालन हो रहा है तो फिर इन स्कूलों की क्या भूमिका रहेगी.
राज्य सरकार के स्कूलों से क्या शिकायत है
उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा ने 'एबीपी' को बताया की अकसर शिकायत मिली या देखा गया कि अभी राज्य में संचालित आवासीय स्कूलों ने शिक्षक सही से नहीं पढ़ाते हैं, इधर-उधर होते रहते है. बच्चों पर ध्यान नहीं दिया जाता.इसलिए सभी सांसदों ने पीएम मोदी से मांग रखी की कि इन सभी स्कूलों को नवोदय पैटर्न पर पढ़ाई की जाए.वहां से हां भी हुआ है, ऐसे में एकलव्य स्कूलों में अभी नवोदय स्कूल के पैटर्न पर पढ़ाई होगी.
नवोदय में प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद ही प्रवेश है? इस सवाल पर सांसद ने कहा कि मकसद भी यहीं है कि आदिवासी क्षेत्र में कई प्रतिभावान बच्चे हैं जिन्हें सही गाइडेंस नहीं मिल पाता है.वह प्रतिभावान बच्चे यहां आएंगे तो उनका भविष्य इसी पैटर्न के आधार पर उज्जवल होगा.इसलिए ही 10 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी.इन शिक्षकों की देशभर के कही भी पोस्टिंग की जा सकती है.
इतने बच्चों का मिलेगा प्रवेश
सांसद अर्जुन लाल मीणा ने बताया कि 240 छात्र और 240 छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा.इसमें हॉस्टल, प्ले ग्राउंड अलग होगा और स्कूल में सभी साथ पढ़ेंगे.पीएम मोदी ने दो स्कूलों का लोकार्पण कर दिया है जो 25 करोड़ में बनाकर तैयार हुए हैं. उदयपुर संसदीय क्षेत्र में ही चार एकलव्य स्कूल और बन रहे हैं. इन स्कूलों की लागत 43 करोड़ रुपये है. केंद्र सरकार इनका सभी खर्च वहन करेगी.अभी उदयपुर संसदीय क्षेत्र में छह, प्रतापगढ़ में एक, डूंगरपुर में दो और बांसवाड़ा में दो एकलव्य स्कूल निर्माणाधीन हैं.
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