Naresh Meena Arrest: SDM थप्पड़कांड के आरोपी नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद भारी बवाल, समर्थकों ने की आगजनी
Naresh Meena Arrest News: राजस्थान के टोंक में नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है. उनके समर्थकों की ओर से हंगामा और आगजनी करने की घटना सामने आई है.
Naresh Meena Slapped SDM: राजस्थान के टोंक जिले के समरवता गांव से नरेश मीणा को गिरफ्तारी किया गया है. उनकी गिरफ्तारी के बाद फिर से बवाल शुरू हो गया है. उनके समर्थकों ने आगजनी की है. टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीना पर बुधवार को मतदान केंद्र पर एसडीएम अमित चौधरी के साथ कथित तौर पर मारपीट करने का आरोप है.
निर्दलीय प्रत्याशी की गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थकों की ओर से समरावता गांव के बाहर स्टेट हाईवे पर आग लगाने के बाद पुलिस मौके पर समर्थकों को तितर-बितर करने पहुंची. इसके बाद पुलिस ने अवरुद्ध की गई सड़क को खाली कराया.
#WATCH टोंक, राजस्थान: नरेश मीणा के गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थकों ने समरावता गांव के बाहर स्टेट हाईवे पर आग लगाई। pic.twitter.com/20BC8CdsPx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 14, 2024 [/tw]
नरेश मीणा की गिरफ्तारी पर क्या बोली पुलिस?
नरेश मीणा की गिरफ्तारी पर टोंक एसपी विकास सांगवान ने कहा कि हमने उनसे कहा कि कानून को हाथ में न लें और अपने आपको समर्पित कर दें. उनका मन नहीं था, लेकिन उन्हें पुलिस के आगे झुकना पड़ा. उनपर संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी. उनपर कई पुराने मामले भी दर्ज हैं, जिसकी रिपोर्ट मंगवाई गई है. 50-60 लोगों को हिरासत में लिया गया है और बाकी लोग जो भी इसमें शामिल होंगे, उन्हें पकड़ा जाएगा.
नरेश मीणा की भी आई थी प्रतिक्रिया
गिरफ्तारी से पहले निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की भी प्रतिक्रिया आई थी. उन्होंने कहा कि मुझे फंसाया जा रहा है. बड़े-बड़े लोग इसमें शामिल हैं, लेकिन मैं यहीं बैठा हूं. मिर्ची बम की वजह से मैं बेहोश हो गया था, मैं कही फरार नहीं हुआ था. पथराव के बाद मैं वहां से भागा नहीं बल्कि मिर्ची बम की वजह से बेहोश हुआ तो लोग मुझे उठाकर गांव में ले आए थे. मीणा ने आगे कहा कि विधायक बनने से ही सब कुछ थोड़ी हो जाता है. मैं गांव में ही पैदा हुआ हूं, एक आदमी को जाति प्रमाण पत्र बवनाने के लिए भी चक्कर काटने पड़ते हैं, बिना चक्कर काटे कोई काम नहीं होते.
उन्होंने आगे कहा, "एसडीएम की कोई जाति नहीं होती, चाहे वो किसी भी जाति का हो, मैं उसे पीटता. उनके तौर-तरीकों को सुधारने का यही एक इलाज है. हमने सुबह से कुछ नहीं किया, हम उनके आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. हमारे लिए खाने का इंतजाम नहीं किया गया. एसडीएम यहां क्यों हुक्म चला रहा था? वो बीजेपी का एजेंट है.
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