National Epilepsy Day 2022: राजस्थान के कोटा संभाग में बड़ी संख्या में मिर्गी रोगी हैं, जिनका उपचार तो चल रहा है लेकिन वह आज भी देवी-देवता और टोने-टोटके के चश्मे से इस बीमारी को देखते हैं. वहीं सबसे अधिक भ्रांति कोटा संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलती है. कोटा मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष व न्यूरो सर्जन डॉ. एस एन गौतम ने बताया कि मिर्गी के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 17 नवंबर को मिर्गी दिवस मनाया जाता है. मिर्गी मस्तिष्क का एक क्रॉनिक रोग है जिससे रोगी को बार-बार दौरा आता है. मिर्गी पीड़ित रोगी को न्यूरॉन्स में अचानक असामान्य और अत्यधिक विद्युत का संचार होने के कारण यह दौरा बार-बार पड़ता है, जिसके कारण वह बेहोश हो जाता है. इस अवस्था में बेहद सावधानियां बरतने की आवश्यकता है.


यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को कर सकती है प्रभावित
न्यूरो फिजिशियन डॉ. संजय जायसवाल ने बताया कि इस बीमारी के कारण किसी भी उम्र का व्यक्ति प्रभावित हो सकता है. इस रोग से पीड़ित हर व्यक्ति की परेशानी अलग-अलग हो सकती है. वहीं भारत में लगभग 10 लाख के करीब लोगों को मिर्गी के दौरे आते हैं. कोटा संभाग में भी हजारों रोगी हैं, जिन्हें मिर्गी के दौरे आते हैं. इस पूरे मामले में जागरुकता की बेहद आवश्यकता है. यदि हम जागरुक होंगे तो दौरा आने पर सही विधि से रोगी को अधिक नुकसान से बचा सकते हैं.


मिर्गी होने के कई कारण हो सकते हैं
डॉ. जायसवाल ने बताया कि मिर्गी के कई कारण हो सकते हैं. मिर्गी जन्मजात हो सकती है या मस्तिष्क में किसी प्रकार के संक्रमण से भी मिर्गी रोग हो सकता है. स्ट्रोक या फिर ब्रेन ट्यूमर भी इसका कारण हो सकता है. वहीं किसी दुर्घटना के चलते सर पर चोट लगना भी इसका एक कारण सामने आया है. बचपन के दौरान कभी लंबे समय तक तेज बुखार से पीड़ित होना मिर्गी होने का कारण हो सकता है.
 
मिर्गी आने पर क्या करना चाहिए
डॉ. जायसवाल ने बताया कि जब किसी व्यक्ति को मिर्गी आए तो उसे घबराना नहीं चाहिए उसे हिम्मत से काम लेना है. पीड़ित व्यक्ति को मिर्गी के दौरे के दौरान कंट्रोल करने की कोशिश ना करें. पीड़ित व्यक्ति के आसपास भारी वस्तु या फिर हानिकारक वस्तु को दूर रखें, नहीं तो उन्हें चोट लग सकती है. यदि पीड़ित व्यक्ति गर्दन कसकर रखने वाले कपड़े पहन रखें हैं तो उसे तुरंत ही ढीला कर लें. मिर्गी पीड़ित व्यक्ति को एक ओर मोड़ कर लिटाएं ताकि मुंह से निकलने वाली उल्टी या फिर तरल पदार्थ सुरक्षित रूप से बाहर निकले. मिर्गी पीड़ित व्यक्ति के सिर के नीचे कुछ आरामदायक वस्तु या फिर तकिया रखें. मिर्गी पीड़ित व्यक्ति को चिकित्सा सहायता जब तक न मिले, तब तक पीड़ित व्यक्ति के साथ ही किसी को मौजूद रहना चाहिए. व्यक्ति को आराम करने दें या फिर अगर वह सोया हुआ है तो उसे सोने दें. मिर्गी पीड़ित व्यक्ति को अधिकांश दवाओं से ठीक किया जाता है. मिर्गी के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण फैक्ट यह है कि मिर्गी के उपचार में देरी नहीं करनी चाहिए. मिर्गी पीड़ित होने के बारे में अगर किसी व्यक्ति को पता चलता है उसे तुरंत ही उपचार शुरू कर देना चाहिए. जल्द उपचार से बिगड़ी हुई स्थिति को रोका जा सकता है.


मिर्गी को लेकर भ्रांतियां और समाधान


भ्रांती: दौरे के दौरान आप अपनी जीभ निगल लेंगे.
तथ्य: वास्तव में दौरे के दौरान अपनी जीभ को निगलना असंभव है.
भ्रांति: यदि किसी को दौरा पड़ रहा है, तो आपको उसके मुंह में कुछ डाल देना चाहिए ताकि उसका दम न घुटे.
तथ्य: दौरे पड़ने वाले व्यक्ति के मुंह में कभी भी कुछ न डालें. इससे व्यक्ति को और अधिक चोट लग सकती है. 
भ्रांति : आपको किसी को दौरे पड़ने से रोकना चाहिए.
तथ्य: दौरे के दौरान किसी व्यक्ति को कभी भी पकड़ कर न रखें. किसी को नीचे पकड़ने से हड्डी या मांसपेशियों में चोट लग सकती है.
भ्रांती: मिर्गी रोग संक्रामक है.
तथ्य: आप को किसी दूसरे व्यक्ति से मिर्गी रोग नहीं हो सकता है.
भ्रांती: दौरे के दौरान व्यक्ति को दर्द होता है.
तथ्य: दौरे के दौरान एक व्यक्ति बेहोश होता है और उसे किसी दर्द का अनुभव नहीं होता है.
भ्रांती: मिर्गी से पीड़ित लोग मानसिक रूप से बीमार या बौद्धिक रूप से/विकासात्मक रूप से अक्षम होते हैं.
तथ्य: मिर्गी मानसिक बीमारी और बौद्धिक अक्षमता सभी स्थितियां हैं जो मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं. 
भ्रांती: मिर्गी से पीड़ित लोग अक्षम होते हैं और काम करने में सक्षम नहीं होते हैं.
तथ्य: मिर्गी से पीड़ित अधिकांश लोग विकलांग नहीं होते हैं.
भ्रांती: मिर्गी से पीड़ित लोगों को जिम्मेदारी और तनाव वाली नौकरी नहीं करनी चाहिए.
तथ्य: मिर्गी एक गैर-भेदभावपूर्ण स्थिति है. जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग और हर उम्र के लोग दौरे का अनुभव करते हैं. 
भ्रांती: यदि आपको दौरे पड़ते हैं, तो आपको मिर्गी है.
तथ्य: मिर्गी में बार-बार दौरे पड़ते हैं. कई अन्य चिकित्सीय स्थितियों जैसे हाल ही में चोट लगने, तेज बुखार परिणामस्वरूप दौरे पड़ सकते हैं.
भ्रांती: वीडियो गेम या लाइट से दौरा पड़ सकता है.
तथ्य: मिर्गी पीड़ित केवल 3% लोगों में दृश्य ट्रिगर होते हैं. तेजी से चमकती रोशनी या वैकल्पिक रंग पैटर्न वाले वीडियोगेम कभी-कभी दौरे को ट्रिगर कर सकते हैं.
भ्रांती: मिर्गी का इलाज काम नहीं करता है.
तथ्य: मिर्गी से पीड़ित दो-तिहाई लोग सही खुराक के साथ सही प्रकार की दवा से अपने दौरों को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकते हैं.  
भ्रांती: आप मिर्गी से नहीं मर सकते हैं.
तथ्य: मिर्गी एक बहुत ही गंभीर स्थिति है और दौरे पड़ने से व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है.  


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