कोटा: राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार द्वारा परीक्षा में अच्छे नम्बर देने की ऐवज में अस्मत मांगने के मामले की जांच करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की तीन सदस्य टीम कोटा पहुंची.यह टीम तीन दिन तक यहां मामले की गहनता से जांच करेगी.वहीं इस मामले के लिए गठित एसआईटी ने यूनिवर्सिटी कैम्पस में कैम्प ऑफिस शुरू कर दिया है.राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से नामित देहली यूनिवर्सिटी की नोन कॉलेज महिला एज्यूकेशन कमेटी डायरेक्टर और राष्ट्रीय महिला आयोग कोर्डिनेटर गीता भट्ट, राष्ट्रीय महिला आयोग की कोर्डिनेटर प्रवीण सिंह और लीगल काउंसलर शालिनी सिंह कोटा पहुंची हैं.


कोटा पहुंचते ही तीनों सदस्य सबसे पहले कोटा सिटी एसपी केसर सिंह शेखावत से मिले. इसके बाद आरटीयू के कैम्पस में पहुंचे. यहां एसआईटी की ओर से प्लेसमेंट सेल में बनाए गए,जांच केंद्र पर पहुंची.जहां पर उन्होंने कई छात्राओं ओर छात्रों से बंद कमरे में बातचीत की.तीनों सदस्यों ने सम्बंधित विद्यार्थी से पूरे घटनाक्रम पर विस्तार से बातचीत की.निलंबित एसोसिएट प्रोफेसर को लेकर तय बिंदुओं के बारे में भी विद्यार्थियों के बयान दर्ज किए गए.आयोग की सदस्यों ने पुराने मामले में कोर्ट के आदेश पर दर्ज प्रकरण में पुलिस एफआर लगा चुकी है, उस पीड़िता के परिजनों से बातचीत की है.विद्यार्थियों से बातचीत करने के पश्चात राष्ट्रीय महिला आयोग कोर्डिनेटर गीता भट्ट ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि छात्राओं,छात्रों और स्टाफ से अलग-अलग बात की है, तीन दिनो तक यही डेरा रहेगा और पहलू पर बारीकी से अनुसंधान होगा.
 
सभी के बयान किए गए कलमबद्ध
भट्ट ने बताया कि महिला आयोग इस प्रकार की घटनाओं पर आगे आकर मदद करती है. इसके लिए ही राष्ट्रीय महिला आयोग की सौजन्य से हम यहां पर आए हैं और इसकी पूरी तहकीकात मामले की जाएगी.कोई भी जानकारी हमें देना चाहती हैं या इस बारे में खुलकर बात पहले नहीं कर पाई हैं.हम उनसे भी बात करेंगे.छात्राएं और अन्य कमीशन के सामने अपनी घटना के बारे में जानकारी दे सकती हैं. जिससे की इस केस में शामिल करेंगे.जहां पर डीन फैकल्टी अफेयर्स के बिल्डिंग में पुलिस के उच्चाधिकारियों के सामने ही अलग से सभी पीड़ित छात्राओं के बयान सूचीबद्ध किए हैं और रिकॉर्डिंग भी ली है.


एसआईटी ने आरटीयू में कैम्प ऑफिस बनाया
राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी ने भी आरटीयू परिसर में कैम्प ऑफिस बनाकर अपनी जांच शुरू कर दी है.एएसपी उमा शर्मा के नेतृत्व में डिप्टी अमर सिंह राठौड़ की देखरेख में महिला पुलिस अधिकारी छात्राओं से बंद कमरे में अलग-अलग बातचीत कर रहे हैं. डिप्टी अमर सिंह राठौड़ ने कहा कि सभी तथ्यों को जांच की रिपोर्ट तैयार प्रस्तुत की जाएगी.


राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार और छात्र अर्पित अग्रवाल पर एक और मुकदमा दादाबाड़ी थाने में दर्ज हुआ है. इसकी पड़ताल भी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को दी गई है.जिस छात्रा ने मुकदमा दर्ज कराया है,वह भी सातवें सेमेस्टर और फाइनल ईयर की स्टूडेंट है.छात्रा ने अपनी एफआईआर में यही बताया है कि यह डरा धमकाकर उसको फेल करवा दिया गया. इसके बाद आरोपी छात्र अर्पित अग्रवाल ने उसको एप्रोच किया और पास करवाने की एवज में अस्मत मांगी गई.


आरोपी परमार के मोबाइल में अश्लीलता की होगी जांच
मोबाइल में अश्लील वीडियो मिलने के मामले में भी उन्होंने कहा कि एसआईटी के साथ साइबर सेल भी काम कर रही है. सभी तथ्य पर जांच पड़ताल की जा रही है.इस संबंध में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्र,स्टाफ,फैकल्टी और सभी लोगों से बयान लिए जाएंगे,इसमें हॉस्टल वार्डन भी शामिल है. उन्होंने कहा कि पूरी तरह से चरणबद्ध तरीके में इस मामले की पड़ताल होगी.किसी भी तथ्य को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम नहीं छोड़ेगी. 


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