Navratri 2022: अजमेर में 10 दिनों तक रहती है दुर्गा पूजा की धूम, 24 साल पहले हुई थी शुरुआत
Ajmer News: शारदीय नवरात्रि पर्व को लेकर अजमेर संभाग में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. यहां 10 दिनों तक दुर्गा पूजा की धूम रहती है.
Shardiya Navratri 2022: कोरोना काल में लागू सभी पाबंदियां हटने से इस वर्ष दो साल बाद शारदीय नवरात्रि पर्व (Shardiya Navratri 2022) पहले की तरह धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाएगा. शक्ति और भक्ति की आराधना के इस पर्व के आगमन को लेकर भक्तों में उत्साह दिखाई दे रहा है. अजमेर (Ajmer) संभाग के भीलवाड़ा, टोंक, नागौर, मेड़ता, किशनगढ़, ब्यावर और अजमेर शहर में दुर्गा पूजा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
अमर कुंज में मनाएंगे 24वां दुर्गा पूजा महोत्सव
ब्यावर के अमर कुंज में इस साल 24वां दुर्गा पूजा महोत्सव मनाएंगे. यहां 26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक श्री दुर्गा पूजा महोत्सव समिति की ओर से कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. समिति के महामंत्री गोपाल शर्मा ने बताया कि दस दिवसीय नवरात्रि महोत्सव की शुरूआत 26 सितंबर को मंगल कलश यात्रा से होगी. सोमवार सुबह 10 बजे फतेहपुरिया बगीची से अमर कुंज तक कलश यात्रा का आयोजन होगा. इसमें महिलाएं सिर पर मंगल कलश धारण कर शामिल होंगी. सुमधुर बैंड के साथ पुरूष भक्त जयकारे लगाते चलेंगे. अमर कुंज में पूजन और विधिवत मंत्रोच्चार के बीच कलश व घट स्थापना की जाएगी. मां अंबे के साथ प्रथम पूज्य देव गणेश, विद्या की देवी सरस्वती, धन की देवी लक्ष्मी और भगवान कार्तिकेय की नयनाभिराम प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं.
दस दिन होंगे कई धार्मिक आयोजन
समिति अध्यक्ष कानप्रकाश सिंहल ने बताया कि अमर कुंज में पंडित महावीर शर्मा व पंडित विजय दाधीच के सानिध्य में विशेष पूजा-अर्चना होगी. रोजाना सुबह 7.30 और शाम 7.30 बजे आरती की जाएगी. रात 8 बजे से पौराणिक प्रसंगों पर आधारित सजीव आकर्षक झांकियां सजाई जाएगी. रात 8.30 बजे से महिलाएं व बालिकाएं गरबा करेंगी. नौ दिवसीय कार्यक्रम का संचालन सुमित सारस्वत करेंगे. आगामी एक अक्टूबर को विशाल भजन संध्या में विख्यात भजन गायिका सुमन सोनी भजनों की गंगा बहाएंगी. दो अक्टूबर को छप्पन भोग व तीन अक्टूबर को महाआरती का आयोजन होगा.
बंगाल के कारीगरों ने बनाई प्रतिमाएं
अमर कुंज में दुर्गा पूजा की खास बात है कि यहां विराजित होने वाली सभी पांच प्रतिमाओं का निर्माण बंगाल के कारीगर करते हैं. मूर्तियों में लगने वाली मिट्टी भी बंगाल से ही आती है. बंगाली मूर्तिकार कृष्णा मालाकार बीते 24 साल से देवी दुर्गा और अन्य भगवान की मूर्तियाें का निर्माण कर रहे हैं. पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यहां बनी सभी मूर्तियां ईको फ्रेंडली है.
बाजार में बिक रही देवी प्रतिमाएं
नवरात्रि में घर-घर होने वाली घट स्थापना के लिए बाजार में देवी की प्रतिमाएं बिक रही है. सड़क किनारे जगह-जगह मूर्तिकारों ने अस्थाई दुकानें लगा रखी है. जहां प्लास्टर ऑफ पेरिस और मिट्टी की मूर्तियां बिक्री के लिए उपलब्ध है. बाजार में 400 रुपए से 25 हजार रुपए तक की मूर्तियां बिक रही है.
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