Navratri 2022: आज से नवरात्र शुरू होने जा रहे हैं, मंदिरों पर सजावट की जा रही है. माता की आराधना साधना के लिए भक्त आतुर हैं, वहीं घर-घर घट स्थापना के साथ ही आज से माता की पूजा अर्चना, भंडारे, जागरण, माता की चौकी का आयोजन होंगे. ये ही नहीं 9 दिन तक शहर में विभिन्न स्थानों पर डांडिया रास होगा. वहीं माता की प्रतिमा को विराजमान कर भक्त भक्तिभाव में सराबोर नजर आएंगे.
नवरात्र में मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री की पूजा की जागी. ये सभी मां के नौ स्वरूप हैं, प्रथम दिन घटस्थापना होती है, शैलपुत्री को प्रथम देवी के रूप में पूजा जाता है. 9 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में व्रत और पूजा का विशेष महत्व रहता है. ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि नवरात्रि के दिनों में देवी दुर्गा हिमालय से पृथ्वी लोक में आती हैं और अपने भक्तों के घरों में 9 दिनों के लिए विराजमान होती हैं. नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा अपने भक्तों पर विशेष कृपा रखती हैं. शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर पृथ्वी पर आ रही हैं. यानी इस साल माता रानी का वाहन हाथी है.
शुक्ल और ब्रह्म योग का दुर्लभ संयोग
शारदीय नवरात्रि की शुरूआत शुक्ल और ब्रह्म योग के दुर्लभ संयोग से होगी. इस समय बुध, गुरु, शनि अपनी स्व राशि पर रहेंगे. सोमवार को ब्रह्म योग लगेगा जो 27 सितंबर की सुबह 6.44 मिनट पर समाप्त होगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शारदीय नवरात्रि में दोनों योग अतिदुर्लभ है. इससे जातकों के जीवन में सुख-समृद्धि आएगी.
सजने लगे माता के पांडाल
शहर में आज रात से ही गरबा की धूम रहेगी वहीं माता के पांडाल में महाआरती होगी, भजन कीर्तन होंगे और जागरण के आयोजन किए जाएंगे. शहर में करीब 200 से अधिक स्थानों पर पांडाल बनाए गए हैं. मंदिरों में भी माता की प्रतिमाएं विराजमान की गई है. अष्टमी, नवमी को इन्हें जल में विसर्जित किया जाएगा.
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