NEET Result 2021: झालावाड जिले के पचपहाड़ की रहने वाली नाजिया ने माता पिता के अलावा परिवार के अन्य सदस्यों की विपरीत राय होने के बावजूद कुछ ऐसा कर दिखाया है कि अब केवल परिवार ही बल्कि पूरे जिले को उसपर नाज है. दरअसल, नाजिया ने आर्थिक मंदी ओर संसाधनों का अभाव होने के बावजूद भी नीट परीक्षा में 668वीं रैंक हासिल की है. इस सफलता के बाद नाजिया का सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश तय माना जा रहा है. नाजिया एबीबीएस करने के बाद स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ बनना चाहती है. वह पचपहाड़ गांव की पहली ऐसी लड़की है जो कि डॉक्टर बनेगी.
नाजिया की परिवार की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने नाजिया को स्कॉलरशिप का भी लाभ दिया है. नाजिया के पिता इसामुउद्दीन ने बताया कि नाजिया शुरु से पढ़ाई में अव्वल रही है. वह दसवीं क्लास से ही 6 से 8 घंटे पढ़ाई करती थी. उसने अपनी मेहनत के चलते दसवीं ओर 12वीं में 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक हासिल किए थे. 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद नाजिया कोटा चली गयी, जहां उसने कोचिंग की. नाजिया पिछले 4 सालों से नीट के लिए प्रयासरत थी. पिछले साल 602 अंक होने के बावजूद भी कॉलेज नहीं मिला था. लेकिन इस साल अधिक मेहनत कर नाजिया ने अपना मुकाम हासिल कर लिया है.
आर्थिक मंदी के बावजूद मिली उपलब्धि
नाजिया के परिवार की स्थिति काफी दयनीय है. नाजिया की मां खेतिहर मजदूर है. वहीं, पिता एक टेम्पो चालक हैं. नाजिया की पढ़ाई में आर्थिक मंदी एक बड़ी बाधा थी लेकिन माता पिता के हौसले के आगे आर्थिक समस्या बोनी साबित हुई. नाजिया के माता पिता ने उसकी पढ़ाई में कभी भी पैसों की अर्चन नहीं आने दी. यही कारण रहा कि माता पिता के हौसलों से नाजिया ने यह उपलब्धि हासिल की है. बता दें कि नाजिया छोटे बच्चों को पढ़ाने में काफी दिलचस्पी रखती है. नीट परीक्षा की काउंसिलिंग के समय तक नाजिया ने गांव के ही एक निजी स्कूल में नियमित रूप से छोटे बच्चों को पढ़ाया है.
ये भी पढ़ें :-
Farm Laws Repealed: यूपी के कृषि मंत्री ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी के फैसले पर क्या कुछ कहा?