Banswara News: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है. यहां संभागीय आयुक्त नीरज के पवन की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. इस खुलासे के बाद करीब 900 नर्सिंग छात्रों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है. संभागीय आयुक्त नीरज के पवन को शिकायत मिलने के बाद उन्होंने यह कार्रवाई की है, जिसमें निरीक्षण के बाद 6 नर्सिंग संस्थानों को सील कर दिया गया है. जानिए क्या है पूरा मामला.
दरअसल जिले में संचालित नर्सिंग संस्थाओं के खिलाफ संभागीय आयुक्त नीरज के पवन को शिकायत मिली थी. इसके बाद टीमों को गठित कर आकस्मिक निरीक्षण की कार्रवाई की. इसमें बांसवाड़ा में संचालित आयुष नर्सिंग सेंटर, माही नर्सिंग सेंटर और शरण स्थल मिशन अस्पताल परिसर में स्थित अरिहंत नर्सिंग कंसल्टेंसी सेंटर पर निरीक्षण किया. संभागीय आयुक्त के निरीक्षण के दौरान कई अनियमिताएं पाई गई. यह तथ्य सामने आया कि सेंटर के माध्यम से एनएनम, जीएनएम और डी फार्मा का कॉर्स करवाया जाता है, जबकि इन प्रशिक्षणों के लिए ये संस्थाएं मान्यता प्राप्त नही हैं. इन्हें देखते हुए विभिन्न कमियों के मद्देनजर तीनों ही सेंटर को सील कर दिया है.
सीएमएचओ डॉ ताबियार ने बताया कि संस्थान में किसी भी प्रकार के दस्तावेज नहीं मिले. इनके बारे में यह शिकायते भी मिली थी कि इन संस्थानों की तरफ से विद्यार्थियों से भारी भरकम फीस वसूली की जा रही थी. इसी प्रकार अन्य टीम ने एकलव्य नर्सिग संस्थान सेनावासा, ज्ञान एजुकेशन छोटी सरवन, राजस्थान नर्सिंग संस्थान पर भी दस्तावेज नहीं मिले जिन्हे भी सील किया. बताया गया कि प्रत्यक नर्सिंग संस्थान में 100 से 150 छात्र पंजीकृत से. इन्हे बताया गया कि इंदौर या अन्य जगहों पर कॉलेज है लेकिन छात्रों का कहना था कि उन्होंने कॉलेज नहीं देखे और 2 साल से कोई परीक्षा तक नहीं करवाई गई. इससे छात्रों के सालों बर्बाद हो गए.