kota News: नीट यूजी 2024 की परीक्षा के परिणाम को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, एक बार फिर ये मामला सुर्खियों में आया जब यह न्यायालय में कहा गया कि ग्रेस मार्क वाले 1563 छात्र फिर से दे नीट की परीक्षा दे सकेंगे.


लेकिन एक्सपर्ट नितिन विजय कहते हैं कि यह वह स्टूडेंट हैं जिन्होंने शिकायत की थी. जिन्होंने शिकायत नहीं की उनका क्या कुसुर है. नितिन विजय ने स्पष्ट कहा कि इस परीक्षा में चिटिंग हुई है और यह फिर से होनी चाहिए.


नितिन विजय की ओर से ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. नीट परीक्षा के नतीजों में कथित धांधली के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए याचिका स्वीकार किया उसके बाद यह बात सामने आई है कि 1563 बच्चे फिर से नीट दे सकते हैं. लेकिन अब इसका भी तीखा विरोध शुरू हो गया है.
 
'पेपर में  हुई है गड़बड़ी और यह क्लियर है'
नितिन विजय ने बताया कि एनटीए इस विषय में भले ही कितने ही तर्क दे लेकिन हमारा मानना है कि पेपर में चीटिंग हुई है और यह क्लियर है. उन्होंने कहा कि यह तो मान लिया कि गडबडी हुई थी. छोटी छोटी कमी तो कई जगह हुई है वहां एग्जाम क्यों नहीं हो रहा.


उन्होंने कहा कि रैंक में जो अनियमित्तता हुई है उससे साफ है कि पेपर लीक हुआ है. जहां पहले 600 नम्बर पर 29 हजार बच्चे थे वहां इस बार 81 हजार बच्चे हैं, इतने इंटेलिजेंट बच्चे एक साथ कहां से पैदा हो गए. चिटिंग में साक्ष है कि पटना में एफआईआर में स्पष्ट है कि उस बच्चे के पास पेपर रात को ही आ गया था. 20 से 25 हजार ऐसे बच्चे सिस्टम में आ जाएंगे जो डॉक्टर बनने लायक नहीं है. जबकी इतने वही बच्चे रह जाएंगे जो डॉक्टर बनने चाहिए थे.
  
'इसका एक ही हल है नीट वापस हो' 
कोटा में कोचिंग कर रहे स्टूडेंट या जिन स्टूडेंट ने नीट की परीक्षा दी और वह रह गए उन सभी का कहना है कि नीट की परीक्षा फिर से की जानी चाहिए इसका यही एक हल होगा. उन्होंने कहा कि पेपर लीक हुआ है और पेपर लीक होने पर किन-किन लोगों के पास पहुंचा इसकी जांच हो, बिहार में स्पष्ट एफआईआर में कहा कि पेपर परीक्षा से पहले पहुंच गया था. स्टूडेंट ने कहा कि एनटीए की गलती की सजा बच्चे भुगत रहे हैं, जिन्होंने शिकायत की वह 1563 बच्चे हैं बाकी जिन्होंने नहीं की उसका क्या है.


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