News Year 2024: नए साल पर सालासर बालाजी और खाटूजी श्याम में जुटती है लाखों श्रद्धालुओं की भीड़, जानें क्या कहते हैं पुजारी?
Rajasthan News: जयपुर से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सीकर जिले में खाटू जी श्याम बाबा के मंदिर पर नए साल पर लाखों की भीड़ आती है. यहां हरियाणा, यूपी, एमपी समेत दूर-दूर से श्रद्धालु पर आते हैं.
Jaipur News: राजस्थान में यूं तो नए साल पर सभी क्षेत्रों में पर्यटकों की भीड़ रहती है. चाहे जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर हो या उदयपुर का क्षेत्र हो. इन क्षेत्रों में जहां एक तरफ लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं वही राजस्थान के दो मंदिर ऐसे हैं जहां पर नए साल पर लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है.
खास बात है ये दोनों मंदिर शेखावाटी क्षेत्र में है. सीकर के खाटू जी श्याम और चूरू के सालासर बालाजी धाम की बात कर रहे हैं, जहां पर अमूमन सामान्य दिनों में भी लाखों लोगों की भीड़ आती है. वही नए साल में इन दोनों मंदिरों में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. जिसकी शुरुआत 20 दिसंबर से हो जाती है. 1-5 जनवरी तक यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.
खाटूजीश्याम बाबा के दरबार में
जयपुर से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सीकर जिले में खाटू जी श्याम बाबा के मंदिर पर नए साल पर लाखों की भीड़ आती है. जिसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान के दूर-दूर क्षेत्र से श्रद्धालु यहां पर आते हैं. उस दौरान कुछ लोग अपने जन्मदिन को मानते हैं तो कुछ लोग बाबा का दर्शन करके यह मांगते हैं कि उनका आने वाला साल अच्छा रहे. मंदिर के व्यवस्थापक सन्तोष शर्मा की माने तो यहां वैसे तो हर दिन भीड़ रहती है लेकिन नए साल पर एक अलग ही जश्न दिखता है. यहां पर सुबह से शाम तक लगातार 9 बजे तक दर्शन होते रहते हैं.
सालासर बाला जी मंदिर पर बढ़ी भीड़
एक तरफ जहां लोग नए साल का जश्न मनाने अलग-अलग जगह पर जाते हैं. वही चुरू जिले में स्थित सालासर बालाजी धाम पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों के पर्यटक यहां पर आते हैं. सुबह दर्शन करने के बाद वहां पर रात में भी नए साल पर सालासर बालाजी का दर्शन करना चाहते हैं. ऐसे में इस मंदिर पर श्रद्धालुओं की लाखों की संख्या हो जाती है.
पुजारी मांगीलाल पुजारी का कहना है कि वैसे तो बालाजी महाराज की अपने भक्तों पर विशेष कृपा है. यहां पर नए साल में बड़ी संख्या में भक्त आते हैं मानों की जैसे और हर साल उनका यह एक नियम बन गया है. 20 दिसंबर से 5 जनवरी तक यहां पर नए साल के रूप में दर्शकों को बड़ी संख्या में देखा जाता है.
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