Udaipur News: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने तीन राज्यों को पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बड़ा आदेश दिया है. राज्यों को कहा गया है कि कि पेड़ों के आसपास पक्का निर्माण ना हो और केंद्रीय संसाधन की स्थापना की जाए. शहरों में देखा गया है कि राहगीरों को पैदल चलने के लिए पक्के फुटपाथ का निर्माण करने के साथ ही पेड़ भी लगा दिए जाते हैं. पेड़ों के आसपास पक्के कंक्रीट से पेड़ों को नुकसान पहुंचता है. यही समस्या डिवाइडर पर भी रहती है, लेकिन अब ऐसे निर्माण को हटाने का नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश दे दिया है. एनजीटी का आदेश देश के  तीन राज्यों को मिला है. 


झील संरक्षण समिति की थी याचिका 


दरअसल उदयपुर की झील संरक्षण समिति के उप सचिव अनिल मेहता ने एनजीटी में याचिका दायर की थी. अधिवक्ताओं ने ट्रिब्यूनल में तथ्य प्रस्तुत किये थे. तथ्यों को सुनने के बाद एनजीटी ने आदेश दिया कि अगले 6 माह में पेड़ों के आसपास पर्याप्त कच्ची सड़क छोड़ा जाए ताकि हरियाली बनी रहे. साथ ही केंद्र की गाइडलाइन का भी पालन हो. एनजीटी ने आदेश उदयपुर नगर निकाय के साथ मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ पर भी लागू किया है. तीनों राज्य की सरकारों और नगर निकाय संस्थानों को आदेश मिली है.


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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश



  • जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जाए. साथ ही जागरूकता कार्यक्रम के जरिए स्कूली छात्रों को प्रोत्साहित करें.

  • फुटपाथों की अनावश्यक टाइलिंग के उपयोग से बचा जाए.

  • केंद्रीय संसाधन केंद्र की स्थापना की जाए, जो स्थानीय निकाय और सरकारों से सलाह-मशविरा कर सके.

  • पेड़ों की अत्यधिक छंटाई नहीं हो.

  • घास के विकास को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.

  • पेड़ों के आसपास पर्याप्त कच्ची जगह छोड़ी जाए. 

  • पेड़ों के पास खुदाई से बचना चाहिए.


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