(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Nirmal Choudhary Joins NSUI: राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष NSUI में शामिल, सचिन पायलट बोले- 'मुझे खुशी है कि...'
Rajasthan Politics: एनएसयूआई में शनिवार को शामिल हुए निर्मल चौधरी ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि वह भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकालकर जवान और किसान के न्याय की बात कर रहे हैं.
Nirmal Choudhary Join NSUI: राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी (Nirmal Choudhary) शनिवार को एनएसयूआई में शामिल हो गए हैं. वहीं इसको लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने खुशी जाहिर की है. पायलट ने कहा कि ''मुझे खुशी है कि निर्मल चौधरी छात्रों के अधिकारों की आवाज बुलंद करेंगे.'' वहीं, निर्मल चौधरी ने कहा कि वह छात्र और युवाओं की लड़ाई लड़ेंगे और उनके लिए संघर्ष करेंगे.
सचिना पायलट ने निर्मल चौधरी के साथ अपनी एक पुरानी तस्वीर शेयर कर 'एक्स' पर लिखा, "राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे निर्मल चौधरी को NSUI की सदस्यता ग्रहण करने पर बधाई देता हूं. मुझे खुशी है कि NSUI परिवार के सदस्य के रूप में आप सदैव छात्रों के अधिकारों की आवाज को बुलंद करेंगे. आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएं."
राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे श्री निर्मल चौधरी जी को NSUI की सदस्यता ग्रहण करने पर बधाई देता हूं।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) February 17, 2024
मुझे खुशी है कि NSUI परिवार के सदस्य के रूप में आप सदैव छात्रों के अधिकारों की आवाज को बुलंद करेंगे।
आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएं।@VinodJakharIN… pic.twitter.com/2l0BxwEUgO
युवाओं के लिए करूंगा संघर्ष - निर्मल चौधरी
वहीं, निर्मल चौधरी ने एनएसयूआई ज्वाइन करने के बाद बीजेपी पर हमला बोला और राहुल गांधी की तारीफ करते हुए 'एक्स' पर लिखा, ''आज NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी के नेतृत्व में NSUI में शामिल हुआ. ऐसे वक्त में जब देश के किसान और जवान की आवाज़ को सरकार दबा रही है, अग्निवीर जैसी छात्र-युवा विरोधी योजना लाकर सेना को बर्बाद कर रही है. तब राहुल गांधी जी भारत जोड़ो न्याय यात्रा में लगातार जवान और किसान के न्याय की बात कर रहे हैं. लगातार छात्र-युवाओं की लड़ाई लड़ेंगे, संघर्ष करेंगे.'' निर्मल चौधरी अगस्त 2022 में राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे. वह एबीवीपी को हराकर प्रेसिडेंट बने थे. बताया जाता है कि वह कांग्रेस के विधायक के करीबी थे फिर भी उन्होंने एनएसयूआई का टिकट नहीं मांगा था. एनएसयूआई ने रितु बिरला को टिकट दिया था जो कि तीसरे स्थान पर रही थीं.