Rajasthan Politics: '15 साल में 15 बार भी नहीं हुई वसुंधरा से बातचीत', पायलट के आरोप पर गहलोत की सफाई, जानें CM ने ऐसा क्यों कहा
Ashok Gehlot Reaction on Sachin Pilot Allegation: सीएम अशोक गहलोत का यह बयान सचिन पायलट द्वारा 'जनसंघर्ष पदयात्रा' के दौरान भ्रष्टाचारियों का बचाव करने को लेकर लगाए गए आरोपों के बाद आया है.
Rajasthan News: राजस्थान कांग्रेस में जब भी कुछ सियासी खींचतान का दौर शुरू होता है तो पूर्व सीएम और बीजेपी की कद्दावर नेता वसुंधरा राजे सुर्खियों में आ जाती हैं. वह एक बार फिर कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा की वजह से चर्चा में हैं. दरअसल, सचिन पायलट ने सीएम गहलोत पर आरोप लगाया है कि वो भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बदले उन्हें बचा रहे हैं.
इस बात को लेकर राजस्थान कांग्रेस के दो कद्दावर नेताओं के बीच सियासी खींचतान चरम पर है. यही वजह है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से ‘अच्छे तालमेल’ के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि बीते 15 साल में उनकी राजे से 15 बार भी बातचीत नहीं हुई.
राजे से कभी नहीं रहे बातचीत वाले रिश्ते
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि उनके बीजेपी नेता राजे से बातचीत वाले रिश्ते कभी नहीं रहे और लोग बेवजह कह रहे हैं कि वे गहलोत और राजे मिले हुए हैं. सीएम गहलोत ने यह भी कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का पालन करती है. मुख्यमंत्री का यह बयान कांग्रेस नेता सचिन पायलट द्वारा भ्रष्टाचार व राजस्थान में सरकारी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने के खिलाफ 'जनसंघर्ष पदयात्रा' के बीच आया है.
सीएम गहलोत का बयान दुर्भावना से प्रेरित
बता दें कि अशोक गहलोत ने विगत रविवार को धौलपुर में एक कार्यक्रम में दावा किया था कि 2020 में कांग्रेस के कुछ विधायकों की बगावत के बावजूद सरकार बच गई क्योंकि बीजेपी नेता वसुंधरा राजे व कैलाश मेघवाल ने धन बल के माध्यम से एक चुनी हुई सरकार को गिराने के षड्यंत्र का समर्थन करने से इनकार कर दिया था. हालांकि, अशोक गहलोत की इस टिप्पणी का जवाब देते हुए वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को कहा था कि गहलोत द्वारा उनकी तारीफ सद्भावनावश नहीं बल्कि दुर्भावना से की गई थी. वहीं, गहलोत के धौलपुर में दिए गए बयान का जिक्र करते हुए पायलट ने कहा था कि ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री की नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे सिंधिया हैं.
इसके बाद अशोक गहलोत ने शनिवार को नागौर के कुचामन में कहा था कि उनकी राजे सोच मेरी सोच में रात दिन का फर्क है. मैंने कहा था की मेरी सरकार बचाने में वसुंधरा जी और कैलाश जी का सहयोग रहा. उसका लोगों ने गलत अर्थ लगा लिया. उन्होंने ऐसा बिल्कुल नहीं कहा कि मैं आपके साथ खड़ी हूं. गहलोत ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के समय की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे और उन्होंने शेखावत सरकार के खिलाफ तख्तापलट के प्रयास का विरोध किया था.
मेरे बयान को बेवजह दिया जा रहा तूल
अशोक गहलोत के मुताबिक जब 2020 में उनके खिलाफ बगावत हुई तो वसुंधरा राजे ने भी ऐसा ही किया. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि वसुंधरा भी कह रहीं थी कि हमारे यहां ऐसी परंपरा नहीं रही है. इतनी सी बात थी. मैंने धौलपुर में इसका जिक्र कर दिया. मैंने सच्ची बात बताई जो मैंने सुनी थी. इसे इतना बढ़ा चढ़ाकर बताया गया कि वसुंधरा और गहलोत मिले हुए हैं.
हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पर निशाना साधते हुए कहा कि वसुंधरा राजे के राजेंद्र राठौड़ जैसे सलाहकार थे जो नहीं चाहते थे कि मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के संबंध अच्छे रहे. मेरे और वसुंधरा के बातचीत वाले संबंध कभी रहे ही नहीं. लोगों ने भड़काया कि वे मिले हुए है. लोगों को समझना पड़ेगा कि राजनीति में लड़ाई विचारधारा की है. राज्य में भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में गहलोत ने कहा कि भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है. दोषी अधिकारी पकड़े जाते हैं. भ्रष्टाचार को लेकर राज्य में जीरो टॉलरेंस की नीति है.
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