Rajasthan Advocate General: अब राजस्थान में शुरू हुआ महाधिवक्ता पर मंथन, इन लोगों के नाम पर हो रही है चर्चा
Rajasthan Advocate General: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गई है और अब मुख्यमंत्री पद पर भजनलाल शर्मा आसीन हो गए हैं. राजस्थान में अब महाधिवक्ता पद को लेकर मंथन शुरू हो गया है.
Rajasthan Advocate General: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी की नई सरकार बन गई है. नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने पद की शपथ ले ली है. अब महाधिवक्ता (Rajasthan Advocate General) के पद के लिए राजस्थान के कई दिग्गज अधिवक्ताओं ने दौड़ शुरू कर दी है. वहीं इसके अतिरिक्त अधिवक्ताओं ने एजी, एएजी, जीए बनने के लिए संपर्क तलाशने शुरू कर दिए हैं. राजस्थान में नई सरकार बनने के साथ ही प्रदेश में महाधिवक्ता पद के लिए भाग दौड़ शुरू हो गई है. करीब आधा दर्जन से अधिक अधिवक्ता रेस में बताए जा रहे हैं.
RSS की पसंद को मिलेगी तरजीह!
अधिवक्ताओं ने महाधिवक्ता के साथ ही अतिरिक्त महाधिवक्ता राजकीय अधिवक्ता बनने के लिए संपर्क तलाशना शुरू कर दिया है. महाधिवक्ता पद के लिए बड़े पदों पर कार्यरत अधिवक्ताओं के साथ ही पुराने अतिरिक्त महाधिवक्ता सहित कई प्रमुख अधिवक्ताओं के नाम बताए जा रहे हैं. जो महाधिवक्ता पद के लिए प्रबल दावेदार होंगे, यह वो अधिवक्ता होंगे जो राष्ट्रीयस्वंय सेवक संघ (RSS) की पसंद के होंगे. इसके लिए अधिवक्ता की पृष्ठभूमि और संघ से जुड़ाव भी देखा जाएगा.
इन नामों पर हो रही है चर्चा
महाधिवक्ता पद के लिए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी, पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता जीएस गिल, राजेंद्र प्रसाद, जगमोहन सक्सेना, एसके गुप्ता, अरणेश्वर गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता आर.के. अग्रवाल, शिव कुमार व्यास, राजेश पवार, कांतिलाल ठाकुर, नाथू सिंह राठौड़, बंसीलाल भाटी, ओम प्रकाश बूब, श्याम पालीवाल के अलावा पूर्व राजकीय अधिवक्ता बी संधू और पूर्व सहायक सॉलिसिटर जनरल बसंत छाबा के नाम सहित कुछ अन्य अधिवक्ताओ की दावेदारी की चर्चाएं चल रही हैं.
राजस्थान की नई बीजेपी सरकार में कहा जा रहा है कि महाधिवक्ता, अतिरिक्त महाधिवक्ता, राजकीय अधिवक्ता में कुछ चौंकाने वाले वो नाम भी दावेदार हो सकते हैं, जो पिछली सरकार के समय बीजेपी के लिए सहायक रहे थे. प्रकरणों में कोर्ट में पैरवी भी करते रहे. पिछले दो बार के महाधिवक्ता जोधपुर से रहे हैं. इस बार जोधपुर से भी कई नाम चर्चा में हैं. इनके अलावा कुछ अन्य अधिवक्ता भी अतिरिक्त महाधिवक्ता और राजकीय अधिवक्ता बनने के लिए प्रयास कर रहे हैं.
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