Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत(CM Ashok Gahlot) ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इंडस्ट्री का दर्जा देने की घोषणा पर पर्यटन विभाग ने काम तेज कर दिया है. इसी साल फरवरी में घोषणा हुई थी. अब होटल्स को टैरिफ के हिसाब में बिजली बिलों का भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. प्रमाण पत्र बनते ही होटल्स संचालकों को बिजली बिलों में एक लाख रुपए का फायदा होने जा रहा है. हालांकि गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है.
प्रति किलोवाट के हिसाब से लगने वाला फिक्स चार्ज अब 40% तक घटेगा
मिली जानकारी के अनुसार होटल रिसॉर्ट को 6.45 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिल देना होगा. प्रति किलोवाट के हिसाब से लगने वाला फिक्स चार्ज भी 40% तक घटेगा. इंडस्ट्री में 10 किलोवाट पर 500 यूनिट आने पर 80 रुपए प्रति एचपी फिक्स चार्ज देना होगा. मीटर किराया और अन्य स्थायी शुल्क कम लगेंगे. हालांकि, ईंडी, अरबन सेस, वाटर सेट आदि पहले की तरह लागू रहेंगे. इससे छोटे होटल, जो हर माह 5000 यूनिट तक बिजली खपत करते हैं, उनका बिल 5 से 10 हजार रुपए कम हो जाएगा, जबकि बड़े होटल, जो सीजन में हर माह 25 से 50 हजार के बीच यूनिट खर्च करते हैं, उन्हें 50 हजार से 1 लाख तक का फायदा होगा.
इंडस्ट्री के तहत लाभ देने के लिए कार्रवाई तेज हुई, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
कॉमर्शियल टैरिफ के तहत होटल रिसॉर्ट को बिल चुकाना पड़ रहा है. इसके तहत 7.45 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिल का भुगतान हो रहा है. इसके अलावा 5 किलोवाट कनेक्शन पर 500 यूनिट पर 135 रुपए प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज सहित ईडी, अरबन सेस, चाटर सेस आदि भी लिया जाता है. मीटर किराया और अन्य स्थायी शुल्क इंडस्ट्री की तुलना में यहां ज्यादा है.
इसका असर सबसे ज्यादा जोधपुर, उदयपुर, जयपुर में पड़ेगा क्योंकि सबसे ज्यादा पर्यटक यही पर आते है. उदयपुर की बात करें तो यह छोटी-बड़ी 800 से भी कई ज्यादा होटल और 300 से ज्यादा रिसोर्ट है. पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि इंडस्ट्री के तहत लाभ देने के लिए कार्रवाई तेज कर दी है. जल्द ही प्रमाण पत्र बनेंगे. इससे भी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
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