Sanctuary of Rajasthan: राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में आने वाले पर्यटकों को अब घूमने के लिए ई-रिक्शा की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने शनिवार को ई-रिक्शा को हरी झंडी दिखाकर और उसपर बैठकर इस सुविधा का शुभारम्भ किया. इस मौके पर केवलादेव के उपनिदेशक मानस सिंह भी उनके साथ रहे.


अब तक कैसे घूमते थे पर्यटक
अब तक केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में साइकिल या साइकिल रिक्शा से पर्यटकों को अंदर जाने की अनुमति होती थी.पक्षियों को शोर-शराबे से उनकी आजादी में खलल न पड़े इस लिए सरकार की गाइडलाइन के अनुसार केवलादेव के अंदर वाहन ले जाने पर रोक है. अब तक साइकिल और साइकिल रिक्शा को ही अंदर जाने की अनुमति थी. आज से ई-रिक्शा से पर्यटक अंदर घूमने जा सकेंगे. 


केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में अक्टूबर से लेकर फरवरी तक लाखों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक पक्षियों की अठखेलियों को निहारने के लिए केवलादेव पक्षी विहार आते हैं. उन्हें अंदर घूमने के लिए साइकिल  या साइकिल रिक्शा से ही जाना पड़ता था. केवलादेव प्रशासन की ओर से लगभग 120 रिक्शा चालक को अंदर रिक्शा ले जाने की अनुमति दी हुई है. रिक्शा चालक को ट्रेनिंग भी दी जाती है. उद्यान के अंदर के नियम भी बताए जाते हैं, जिससे पर्यटकों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो. 


क्या कहना है पर्यटन मंत्री का 


इस अवसर पर राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि यह अच्छा प्रयास है. मैं भी टूरिज्म विभाग से बात करुंगा केवलादेव उद्यान सेंचुरी को डेवलप करने के लिए. आज 2023 में भी बुजुर्ग रिक्शा चालक दो मोटे-मोटे लोगों को बैठाकर खींच कर ले जा रहा है, यह इंसानियत नहीं है. हम टूरिज्म विभाग से मिलकर केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में और ई-रिक्शा उपलब्ध कराएंगे. 


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