(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan: भरतपुर में नरेगा मेट ने महिला मजूदरों को सुनाय तुगलकी फरमान, कहा- 'बिंदी और काजल लगाओगी तभी...'
MGNREGA Women Labour: भरतुपर जिले के नरेगा महिला मजदूरों के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए, जिला कलेक्टर ने उच्च अधिकारियों से जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
Bharatpur News: राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर जिले (Bharatpur District) के ग्रामीण क्षेत्र में रोजी- रोटी चलाने के लिए महिला और पुरुष केंद्र सरकार द्वारा संचालित मनरेगा (MGNREGA) में काम करते है. मनरेगा में काम करने वाली महिलाओं ने नरेगा मेट (NREGA MET) के पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मनरेगा में काम करने वाली महिलाओं ने आरोप लगाया है कि, नरेगा में मेट ने एक अजीब फरमान जारी किया है. जहां मेट ने महिलाओं से कहा कि मनरेगा में रोजगार लेना चाहती हैं तो उनको काजल बिंदी लगाकर आना पड़ेगा, इसके अलावा उन्हें 200 रुपये भी देने पड़ेंगे.
मेट के इस फरमान से नाराज महिलाओं नाराज होकर मनरेगा में कार्य करने वाली ग्रामीण महिलाएं जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं. कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करती हुई महिलाओं ने आरोपी मेट के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की.
मनरेगा महिला मजदूरों ने मेट पर लगाए ये आरोप
जानकारी के अनुसार भरतपुर उपखंड के चकराम नगर गांव है, जहां मनरेगा के तहत कार्य चल रहा है. गांव की महिलाएं मनरेगा में काम के लिए जाती है. आज चकराम नगर की महिलाएं इकट्ठे होकर मिनी सचिवालय पहुंची. महिलाओं ने मनरेगा के मेट मोहन सिंह और जसवंत सिंह पर आरोप लगाया कि दोनों मेट महिलाओं से काम के बदले अवैध वसूली करते हुए 200 रुपये की मांग करते हैं. साथ ही महिलाओं को काम पर बिंदी और काजल लगाकर आने का दबाव डालते हैं. पीड़ित महिलाओं ने दोनों मेट पर आरोप लगाते हुए बताया कि दोनों मेट कहते हैं कि, जो महिला बिंदी और काजल लगाकर नहीं आएगी उसको मनरेगा के तहत काम नहीं दिया जाएगा.
मनरेगा मजदूरी से ही चलता होता है परिवार का भरण पोषण- पीड़ित महिला
मनरेगा में काम करने वाली मजदूर महिलाओं ने अपनी मजबूरी बयान करते हुए कहा कि सभी महिलाएं गरीब मजदूर और ग्रामीण परिवार से आती हैं. उनकी रोजी रोटी दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर है. मनरेगा के तहत गांव की सभी महिला और पुरुषों को रोजगार मिलता है और मजदूरी के रुप में उन्हें 200 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं, जिससे उन सभी के परिवारों का भरण पोषण होता है. महिलाओं ने बताया कि नरेगा मेट महिलाओं से उनकी दिहाड़ी के 200 रुपये मांगता है, न देने की स्थिति में रोजगार नहीं देने की धमकी देता है.
क्या कहना है जिला कलेक्टर का
भरतपुर के जिला कलेक्टर लोक बंधु ने फोन पर बताया कि आज मनरेगा में कार्य करने वाले मजदूर महिलाओं ने ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने बताया कि महिलाओं ने मनरेगा मेट के खिलाफ आरोप लगाए हैं, इस पूरे मामले की उच्च अधिकारी से जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.
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