नूपुर शर्मा के खिलाफ नारेबाजी मामले में गौहर चिश्ती हुआ बरी तो कानून मंत्री बोले, 'दोषियों को हम...'
Nupur Sharma Case: राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह के बाहर नूपुर शर्मा के बयान के खिलाफ नारेबाजी की गई थी, जिस मामले में आरोपियों के खिलाफ केस चल रहा था. आरोपियों को बरी कर दिया गया है.
Nupur Sharma Case Update: राजस्थान के अजमेर की दरगाह (Ajmer Sharif Dargah) के बाहर भीड़ में लगे विवादित नारे के मामले में मंगलवार को कोर्ट का फैसला आया है. खादिम सहित सभी 6 आरोपियों को एडीजे-4 कोर्ट ने बरी कर दिया है. इस फैसले के बाद प्रदेश में राजनीति शुरू हो गई है. विपक्ष अब बीजेपी पर सवाल खड़े कर रहा है. राजस्थान (Rajasthan) सरकार के कानून व विधि मंत्री जोगाराम पटेल (Jogaram Patel) ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए कहा कि यह मेरी जानकारी में भी आया है. इसकी जांच की जाएगी.
राजस्थान सरकार के विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि समाचार पत्रों और लोगों के द्वारा मुझे जानकारी मिली है. अजमेर में अति महत्वपूर्ण मामले में सेशन न्यायालय ट्रायल विचाराधीन है. कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने किस आधार पर सभी आरोपियों को बरी किया है. इसकी जानकारी कोर्ट की प्रति मिलने के बाद ही सामने आएगी. उस प्रति का परीक्षण करने के बाद ही उस पर टीका-टिप्पणी की जा सकती है.
दोषी को दिलाएंगे सजा- जोगाराम पटेल
उन्होंने कहा कि मैं इतना विश्वास दिलाना चाहता हूं कि इस मामले में हमारे प्रॉसीक्यूशन के पार्ट में कोई कमी खामी रही है या साक्ष्य जुटाने में कमी खामी रही है. या इन्वेस्टिगेशन के पाठ में कोई कमी खामी रही है. उसको दुरुस्त करेंगे और उसके लिए जो भी दोषी है उसके विरुद्ध न्यायोचित कार्रवाई करेंगे. जोगाराम पटेल ने कहा कि अगर कानूनी सलाह मिल गई तो इसमें हम अपील करेंगे. उसमें हम पुरजोर पर भी कर अगर वह दोषी है तो उसे सजा दिलाएंगे.
इन लोगों को बनाया गया था आरोपी
सरकारी वकील गुलाम नजमी पारुको ने बताया कि जून 2022 में दरगाह की सीढ़ियों पर भड़काऊ नारे लगाए गए थे. उन्होंने बताया कि इस मामले में खादिम गौहर चिश्ती अजमेर के रहने वाले ताजिम सिद्दीकी (31) पुत्र नईम खान, फखर जमाली (42) पुत्र सैयद मोहम्मद, जुबेर जमाली रियाज हसन (47) पुत्र हसन, मोइन खान (48) पुत्र शमसुद्दीन खान नासिर खान (45) आरोपी थे. आज मंगलवार को फैसला आने से पहले सुरक्षा की पुख्ता इंतजाम किए गए थे.
सरकारी वकील गुलाम नजमी पारुको ने बताया कि एडीजे-4 कोर्ट जज रितु मीणा ने मामले में आज फैसला सुनाते हुए सभी को बरी कर दिया है. इस मामले में एक आरोपी अहसानुल्लाह अभी भी फरार है. उस पर अभी कोई फैसला नहीं सुनाया गया है. दरगाह थाने में जून 2023 में मुकदमा दर्ज किया गया था. एडीजे-4 कोर्ट ने दोपहर बाद अपना फैसला सुनाया. आरोपी पक्ष के वकील अजय वर्मा ने बताया कि कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया है. जो भी वीडियो में भड़काऊ नारे लगाते सामने आए थे. उनका सत्यापन नहीं हो पाया.
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