Kota News: पहले घास और मिट्टी पर दौडृकर अपनी प्रतिभा दिखा रहे एथलिट्स अब अंतरराष्ट्रीय सतर सिंथेटिक ट्रैक (Synthetic Track) पर दौड़कर कोटा (Kota) का नाम देश और विदेश में रोशन करने के लिए तैयार हैं. श्रीनाथपुरम स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स (Srinathpuram Sports Complex) में सिंथेटिक ट्रैक का लोकार्पण बेटियों की दौड़ के साथ हुआ. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) की अगुवाई में हाथों में तिरंगा लेकर लड़कियों ने दौड़ लगाई.
ओम बिरला के प्रयासों से बने सिंथेटिक ट्रैक के लिए खिलाड़ियों के साथ शहर के लोगों में खासा क्रेज दिखाई दिया. बड़ी संख्या में लोग लोकार्पण समारोह का हिस्सा बनने पहुंचे. कई लोग अपने छोटे बच्चों का हाथ पकड़ कर ट्रैक पर दौड़ते नजर आए. इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि गत वर्ष 30 जुलाई को सिंथेटिक ट्रैक का शिलान्यास हुआ था. जिसका लोकार्पण समय से पहले हो गया. ये खिलाड़ियों के लिए अच्छा है. खिलाड़ी भी अब वादा करें कि वे खूब मेहनत और परिश्रम करें, इस ट्रैक पर अपना पसीना बहाएं और राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत कर अपने परिवार, समाज और देश का नाम रोशन करें.
अब तक टीवी पर ही देखा था ऐसा ट्रैक
आयोजन का हिस्सा बनने आए लोगों का कहना था कि इस तरह के ट्रैक अब तक टेलीविजन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में ही देखे थे. इस ट्रैक को आंखों से देखना और उसका पर दौड़ना एक नया ही अनुभव है. कोटा में अगर खेल सुविधाओं में इसी तरह सुधार होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब यहां से भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी सामने आएंगे. सिंथेटिक ट्रैक पाकर खिलाड़ी बहुत खुश हैं. ट्रैक के लोकार्पण के अवसर पर उनकी आंखों में उमंग और उल्लास के साथ चमक साफ नजर आ रही थी. खिलाड़ियों ने कहा कि वह मिट्टी के ट्रैक पर प्रैक्टिस करते थे, लेकिन जब प्रतियोगिता में जाते तो वहां सिंथेटिक ट्रेक मिलता था. ऐसे में हमारा प्रदर्शन उन खिलाड़ियों से कम रह जाता जो सिंथेटिक ट्रैक पर दौड़ते हुए यहां पहुंचे हैं.
हरमन, मयंक को मिला पहला स्थान
सिंथेटिक ट्रैक के लोकार्पण के बाद विशेष आकर्षण के तौर पर पुरूष वर्ग में 1500 मीटर और बालिका वर्ग में 800 मीटर की दौड़ आयोजित की गई. पुरुष वर्ग में मयंक मवई और बालिका वर्ग में हरमन कौर ने पहला स्थान हासिल किया. राष्ट्रीय स्तर की एथलीट हरमन कौर ने कहा कि मिट्टी के ट्रैक पर जो स्पीड बनती थी उससे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं जीतना कठिन है. सिंथेटिक ट्रैक पर तैयारी से मैडल की संभावनाएं बढ़ जाएंगी. बरसात के दौरान ट्रैक पर कीचड़ हो जाने से प्रैक्टिस बंद हो जाती थी. सिंथेटिक कोर्ट पर बरसात का कोई प्रभाव पड़ता. इससे साल भर प्रैक्टिस करने का मौका मिलेगा.
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