Kota News: ओम बिरला ने कोटा में औद्योगिक प्रदर्शनी और मेले का किया शुभारंभ, उद्यमिता बढ़ाने पर दिया जोर
Industrial Exhibition And Fair: इस दौरान केंद्रीय MSME मंत्री नारायण राणे ने कहा कि कोटा में 36 हजार MSME उद्योग हैं हमें इसे बढ़ाकर 60 हजार करना होगा, इसके अलावा हमें प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ानी होगी.
Kota News: कोटा एक बार फिर औद्योगिक नगरी बने इस दिशा में अब तेजी से प्रयास किए जाएंगे, इसके लिए भारत सरकार हर संभव सहायता करने के लिए तैयार है. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने कोटा (Kota) में एमएसएमई औद्योगिक प्रदर्शनी व मेले (Industrial Exhibition And Fair) के शुभारंभ के दौरान ये बात कही. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) ने शनिवार को कोटा में प्रदेश के सबसे बड़े एमएसएमई औद्योगिक प्रदर्शनी व मेले का शुभारंभ किया.
दशहरा मैदान में आयोजित इस तीन दिवसीय मेले का उद्घाटन करते हुए दोनों नेताओं ने कहा कि कोटा की पहचान कभी औद्योगिक नगरी की थी. हमें टेक्नोलॉजी, रिसर्च और इनोवेशन के जरिए कोटा के उस औद्योगिक गौरव को लौटाना है. इस आयोजन में देश भर के 300 से अधिक एमएसएमई, खादी एवं ग्राम उद्योग, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्यमी भाग ले रहे हैं. एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने कहा कि कोटा शिक्षा की काशी है, यहां इस मेले के आयोजन का उद्देश्य औद्योगिक क्रांति लाते हुए क्षेत्र की आर्थिक उन्नति और प्रगति को सुनिश्चित करना है.
'कोटा संभाग में MSME को दिया जाएगा बढ़ावा'
इस मौके पर ओम बिरला ने कहा कि आयोजन के माध्यम से कोटा सहित सम्पूर्ण हाडोती में एमएसएमई को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि यहां उत्पादन बढ़े, जीडीपी में योगदान बढ़े, रोजगार बढ़े और आर्थिक समृद्धि आए. उन्होंने कहा कि कोटा में 36 हजार उद्यमी हैं जो बेहद कम हैं, कोटा की आबादी 20 लाख है. ऐसे में 36 हजार उद्यमी की जगह यहां 60 हजार उद्यमी होने चाहिए.
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र देश के अर्थतंत्र की रीढ़ है तथा सबसे अधिक रोजगार उत्पन्न करने वाला सेक्टर है, हम चाहते हैं कि युवाओं में शिक्षा के दौरान ही एंटरप्रेन्योरशिप का भी विकास हो. हम उनके विजन को रिसर्च और इनोवेशन से सशक्त करें ताकि वे नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बन सकें.
'उद्योगपति भी हॉस्टल बनाने लग गए ये गलत है'
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोटा की बेसिक इंडस्ट्री को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि कोटा के शैक्षणिक नगरी के रूप में विकसित होने के बाद यहां सभी हॉस्टल बनाने में लग गए जो गलत है. हाड़ौती के लोगों की इंडस्ट्रियल सेक्टर में ही बेसिक एंटरप्रेन्योरशिप है, हमें उसी को बढ़ावा देना होगा. बिरला ने कहा कि हमें इंडस्ट्रियल सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए नई रिसर्च और इनोवेशन से स्थानीय उद्यमियों विशेष तौर पर युवाओं को जोड़ना होगा.
'युवा शहरों में स्टार्टअप और गांवों में लघु और कुटीर उद्योग प्रारंभ करें'
बिरला ने कहा कि हमारे युवा शहरों में स्टार्टअप और गांवों में लघु और कुटीर उद्योग प्रारंभ करें. अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग करें. उन्होंने कहा कि कोटा रोड और रेल कनेक्टिविटी के मामले में समृद्ध है. दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे, अटल प्रोग्रेस-वे से हम देश के सभी बड़े शहरों में चंद घंटों में पहुंच सकेंगे.
रेल नेटवर्क से भी हम सभी महानगरों से जुड़े हैं. सरकार का भी एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने पर पूरा जोर है. हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि अगले दो साल में कोटा में 30 हजार नए एमएसएमई उद्योग स्थापित हों, जिससे इस क्षेत्र के आर्थिक सशक्तिकरण को नई दिशा मिल सके.
'सालाना प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने की जरूरत'
एमएसएमई प्रदर्शनी व मेले का उद्घाटन करने आए केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने कोटा के लोगों के समक्ष एक चैलेंज रखा. उन्होंने कहा कि कोटा की आबादी 20 लाख है लेकिन यहां सिर्फ 36 हजार एमएसएमई उद्योग हैं, यहां की प्रति व्यक्ति आय भी महज 1.25 लाख रुपए है जबकि अन्य राज्यों में यहां से कहीं अधिक उद्योग हैं और प्रति व्यक्ति आय भी दो गुना से अधिक है.
इस बारे में गंभीरता से सोचते हुए ऐसे कदम उठाएं कि जब मैं अगली बार यहां आऊं तो 60 हजार से अधिक एमएसएमई हों और प्रति व्यक्ति आय भी अन्य राज्यों के समान हो. उन्होंने कहा कि हम यहां के लोगों को टेक्नोलॉजी और ज्ञान देने को तैयार हैं.
'हमें आयात से ज्यादा उत्पादन पर ध्यान देना होगा'
उद्योग स्थापित करने के लिए बैंक से ऋण दिलवाने के लिए भी तैयार हैं लेकिन पहल तो स्थानीय स्तर पर ही करनी होगी. स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप यहां उद्योग आएंगे तो उत्पादन और रोजगार बढ़ेगा, जिससे आर्थिक समृद्धि आएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला भी यही चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आज देश में आयात कम और निर्यात ज्यादा हो रहा है.
इसका कारण है कि हमारा स्थानीय उत्पादन कम है. हमें इस पर विचार करना होगा कि जिन वस्तुओं का आयात हो रहा है उनका हम देश में ही उत्पादन क्यों न करें. आवश्यकता को पूरा करने के लिए यदि देश में ही उद्योग तैयार होंगे तो हमारा पैसा बाहर नहीं जाएगा.
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