Rajasthan Politics: राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर जारी नेताओं की गुटबाजी के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आखिरी बजट से पार्टी आलाकमान का दिल जीत लिया है. चुनावी वर्ष में अशोक गहलोत सरकार की ओर से पास किए गए बजट की कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जमकर तारीफ की है. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया फेसबुक पर एक पोस्ट कर गहलोत सरकार की ओर से पेश बजट में किए गए गए एक-एक प्रावधान का जिक्र कर उसकी तारीफ की है. इसके साथ ही केंद्रीय बजट में महंगाई पर कोई बात नहीं करने पर मोदी सरकार पर भी हमला बोला है.
एक-एक योजना को राहुल ने गिनाया
राहुल गांधी ने राजस्थान के बजट का हवाला देते हुए लिखा है कि महंगाई, बेरोजगारी, युवाओं और किसानों की समस्याओं को हमने देखा भी और समझा भी, इसलिए जनता को राहत देने के लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार 1100 रुपए वाला रसोई गैस सिलेंडर सिर्फ 500 रुपए में देगी. हर परिवार को 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली, चिरंजीवी योजना के तहत 25 लाख रुपये तक का बीमा, एक लाख युवाओं को नौकरी, किसानों के लिए 2000 यूनिट तक मुफ्त बिजली, महंगाई राहत पैकेज, 12वीं कक्षा तक निशुल्क शिक्षा, महिलाओं को बस किराए में छूट, कोरोना से अनाथ बच्चों को सरकारी नौकरी. इन सब के अलावा और भी कई अन्य जन कल्याणकारी योजनाएं राजस्थान की जनता को महंगाई, बेरोजगारी जैसी समस्याओं से राहत दिलाएंगी.
जनता के मुद्दों पर काम करने का किया वादा
इसके आगे राहुल गांधी ने लिखा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान देश के युवाओं, महिलाओं, किसानों, मजदूरों से जो बातों हुई, उन पर अब काम किया जाएगा. महंगाई को कम करने, बेरोजगारी खत्म करने, किसानों की समस्याओं का निदान करने, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी जैसी समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए कांग्रेस प्रयासरत है. राजस्थान की कांग्रेस सरकार के बजट में इसकी झलक दिखाई देती है.
केंद्र सरकार पर साधा निशाना
राजस्थान की बजत में जनता के दी गई राहत का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा है. राहुल गांधी ने लिखा कि एक तरफ केंद्र सरकार का बजट और दूसरी तरफ देश के एक राज्य का बजट. इसके बाद उन्होंने लिखा कि केंद्र सरकार ने अपने बजट में महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बजट में जिक्र तक नहीं किया. राहुल ने लिखा कि दरअसल, ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि प्रधानमंत्री को न तो महंगाई दिखाई देती है और न ही बेरोजगारी. अगर उन्हें कुछ दिखता है तो वो है अपने 'मित्र' का व्यापार और उनकी तरक्की. राहुल यही नहीं रुके इसके बाद उन्होंने लिखा कि धानमंत्री जी, अब अपने मित्र की जेब भरना छोड़िए और देश की जनता के बारे में सोचिए.