Bundi News: बूंदी के रामगढ़ अभ्यारण का विस्तार कर राजस्थान का चौथा टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा. रामगढ़ टाइगर रिजर्व का नोटिफिकेशन एक बार फिर संशोधित किया जाएगा. इससे यहां आने वाले बाघों के रास्ते में आ रही दिक्कतों का भी समाधान हो जाएगा. नई नोटिफिकेशन में इंदरगढ़ से सखावड़ा तक के क्षेत्र को भी रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शामिल किया जाएगा. वन विभाग ने भी इसकी कवायद शुरू कर दी है. हालांकि इंदरगढ़ से सखवाड़ा तक का प्रशासनिक कार्य बूंदी रामगढ़ विषधारी के अधिकारियों के पास है.
यह क्षेत्र रणथंबोर टाइगर रिजर्व के बफर जोन में शामिल है, इसलिए इस क्षेत्र को रामगढ़ विषधारी में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है. विभागीय अधिकारी का कहना है कि इस प्रक्रिया में कुछ समय लगने की संभावना है. इस क्षेत्र को रामगढ़ क्षेत्र में कानूनी रूप से मिलाने के लिए विभागीय अधिकारियों ने अधिकारियों को प्रस्ताव भेजा है. जिसमें इस क्षेत्र को रणथंबोर के बफर जोन से हटाकर रामगढ़ के बफर जोन में जोड़ने का प्रस्ताव है. अधिकारियों के मुताबिक एक बार फिर से नोटिफिकेशन को रद्द कर संशोधित नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. जिसमें मूल रूप से रामगढ़ को अभ्यारण में जोड़ा जाएगा. गौरतलब है कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट घोषणा में बूंदी के रामगढ़ अभ्यारण ने टाइगर रिजर्व को राजस्थान का चौथा टाइगर रिजर्व बनाने की घोषणा की थी. घोषणा के मुताबिक यहां एक बाघिन को शिफ्ट किया गया है.
बूंदी सीमा में आता है बफर जोन
रामगढ़ अभ्यारण के डीएफओ संजीव शर्मा ने बताया कि वर्तमान में रणथंभौर बफर क्षेत्र में शामिल इंदरगढ़ से सखावड़ा तक का क्षेत्र बूंदी जिले की सीमा में आता है. यहां रणथंबोर से बाघों की लगातार आवाजाही रहती है. वर्तमान में भी बाघ टी 110, 129 और बाघिन 114, 119 की आवाजाही क्षेत्र में लगातार बढ़ रही है. इसमें बाघिन 119 को दूसरी बाघिन के रूप में रामगढ़ अभ्यारण में स्थानांतरित करने की तैयारी चल रही है. भले ही बूंदी की सीमा से लगे क्षेत्र का बफर जोन रणथंभौर में शामिल है, लेकिन इसका प्रशासनिक कार्य रामगढ़ के पास है. डीएफओ संजीव शर्मा ने कहा कि पहले सखवाड़ के क्षेत्र को इंदरगढ़ से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शामिल करने के प्रस्ताव भेजे गए थे और इसे जोड़ने का अनुरोध किया गया था. लेकिन रणथंबोर का बफर होने ओर समय लगने के कारण इस क्षेत्र को हटा दिया गया था. लेकिन विभाग के उच्चाधिकारियों ने बूंदी जिले में होने के कारण इसका प्रशासनिक कार्य बूंदी को ही सौंप दिया.
इस लिए बढ़ाया जा रहा है अभ्यारण का दायरा
रणथंबोर में बाघ-बाघिनों की संख्या अधिक होने के कारण, बाघ और बाघिन अक्सर क्षेत्र की तलाश में बूंदी जिले के इंद्रगढ़ से सखावड़ा तक निकल आते हैं. यहां से कई बाघ रामगढ़ पहुंच चुके हैं. जिसमें टी 62, टी 91, टी 115 शामिल हैं, लेकिन कुछ बाघ इस क्षेत्र में घूमते रहते हैं और वापस रणथंबोर पहुंच जाते हैं. इस क्षेत्र को रामगढ़ में शामिल करने से कुछ रुकावटों का समाधान होगा. बाघों के लिए सखावड़ा के बाद इंद्रगढ़ से रामगढ़ तक जाना आसान हो जाएगा. इससे बाघों की शिफ्टिंग का खर्च तो बचेगा ही, साथ ही रामगढ़ में बाघों की संख्या भी अपने आप बढ़ जाएगी.
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