Rajasthan BJP CM Candidate: चुनावी नतीजे आने के हफ्ते भर बाद भी भारतीय जनता पार्टी राजस्थान में मुख्यमंत्री नहीं चुन सकी है. पार्टी के भीतर किसी भी तरह की गुटबाजी के चलते होने वाले नुकसान से बचने के इरादे से सोच-समझकर फैसला लेना इसके पीछे की मुख्य वजह तो है ही, लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों को भी इस देरी की एक प्रमुख वजह बताया जा रहा है. 


एक सीएम, दो डिप्टी सीएम, स्पीकर पद पर दलित महिला विधायक


राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी की ओर से हो रही इस देरी की एक वजह लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सामाजिक और राजनीतिक गुणागणित को साधना भी है. ऐसे में पार्टी राजस्थान में मुख्यमंत्री के साथ दो उप मुख्यमंत्री भी बना सकती है और इन तीन पदों पर राजपूत, ब्राह्मण, मीणा और जाट समाज के नेताओं को बैठा कर इन समुदायों को बीजेपी से जोड़े रख सकती है. इसके अलावा पार्टी स्पीकर के तौर पर किसी दलित महिला विधायक को मौका देते हुए इस वर्ग को भी साधने की कवायद कर सकती है. 


राजस्थान बीजेपी में है चर्चा, केंद्रीय नेतृत्व लगाएगा फाइनल ठप्पा


बीजेपी का इरादा है कि वो 2024 के लोकसभा चुनावों के पहले इन समुदायों को भी महत्वपूर्ण पदों पर बैठाकर आगामी चुनावों में इस कदम का फायदा उठा सके. राजनीतिक गलियारों में शोर है कि बीजेपी के नेता इन रणनीतियों पर चर्चा कर रहे हैं और केंद्रीय नेतृत्व के ठप्पे के बाद ही इसपर आगे बढ़ा जाएगा. एक बार मुख्यमंत्री का नाम तय हो जाए उसके बाद उप मुख्यमंत्री और स्पीकर को लेकर इस रणनीति पर आगे बढ़ा जा सकेगा. 


राजस्थान विधानसभा चुनाव के समय से ही अलग-अलग जातियों के नेताओं की ओर से बीजेपी पर लगातार ये दवाब बनाया जा रहा था कि उनके जाति-समुदाय की संख्या के अनुसार उनके समुदाय से आने वाले नेताओं को उम्मीदवार बनाया जाए. अब नतीजों के बाद भी ये दवाब बदस्तूर जारी है. बीजेपी भी विधानसभा चुनाव में मिली इस बंपर जीत आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भुनाने की हर संभव कोशिश में जुटी है.


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