Diwali 2022: दिवाली पर पटाखे फोड़ने की पुरानी परंपरा है. भारत में दिवाली का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. कोटा (Kota) शहर में इस बार दिवाली ग्रीन पटाखों (Green Crackers) से मनाई जाएगी. अतिरिक्त कलेक्टर बृजमोहन बैरवा ने बताया कि राज्य में दिवाली पर सिर्फ ग्रीन आतिशबाजी की इजाजत है. सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देकर प्रदेश सरकार ने हर तरह के पटाखे का क्रय विक्रय और आतिशबाजी रोक दिया था. लेकिन पुराने फैसले में सुधार करते हुए सिर्फ ग्रीन पटाखों की इजाजत दी.


ग्रीन पटाखों से रोशन होगी दिवाली


ग्रीन पटाखों से ना ज्यादा शोर होगा और ना ही प्रदूषण फैलेगा. प्रदूषण की रोकथाम और स्वास्थ्य की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए ग्रीन पटाखे के क्रय विक्रय की अनुमति है. दिवाली पर कोटा जिले में 24 से 26 अक्टूबर तक आतिशबाजी के अस्थाई अनुज्ञापत्र में सिर्फ ग्रीन पटाखों के क्रय-विक्रय की अनुमति होगी. 19 से 30 सितंबर तक लाइसेंस के लिए आवेदन किए जा सकेंगे. अतिरिक्त कलेक्टर ने बताया कि ग्रीन पटाखों का अस्थाई लाइसेंस के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित उपखंड अधिकारी को अधिकृत किया गया है. 


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क्या खासियत है ग्रीन पटाखों की?


ग्रीन पटाखों में वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले हानिकारक रसायन नहीं होते हैं. एल्युमिनियम, बैरियम, पौटेशियम नाइट्रेट और कार्बन का प्रयोग नहीं किया जाता है या ग्रीन पटाखों में खतरनाक रसायनों की मात्रा काफी कम होती है. ग्रीन पटाखों से प्रदूषण कम फैलता है. ग्रीन पटाखे राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) की खोज हैं. ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों जैसे ही होते हैं. सामान्य पटाखों की तुलना में ग्रीन पटाखे 40 से 50 फीसदी तक कम हानिकारक गैस पैदा करते हैं. सामान्य पटाखों के जलाने से भारी मात्रा में नाइट्रोजन और सल्फर गैस निकलती है. ग्रीन पटाखों के बनाने में पार्टिक्यूलेट मैटर का विशेष ख्याल रखा जाता है. 


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