Bundi School: राजस्थान के बूंदी में एक शिक्षक के भरोसे सरकारी स्कूल चल रहा है तो नोनिहाल कैसे पढ़ेंगे? यह सबसे बड़ा सवाल है. जी हां जिले के चहिंचा गांव के राजकीय संस्कृत विद्यालय में 33 बच्चे पढ़ते हैं. जिनमें एक शिक्षक कार्यरत हैं और वह भी दिव्यांग है, जिसका भी 8 जून को एक्सिडेंट में पैर फेक्चर हो गया है. ऐसे में विद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधेरे में आ गया है. स्कूल में पढ़ाने वाला कोई भी शिक्षक नहीं है.


राजस्थान में इन दिनों सरकारी स्कूलों में प्रवेश उत्सव के तहत नामांकन चल रहे हैं और इस सरकारी स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं है. अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार स्कूल में नामांकन कैसे पूरा होगा और जैसे तैसे नामांकन कार्यक्रम हो भी गया तो विद्यार्थियों की पढ़ाई कैसे होगी. पूरा मामला देखा जाए तो विद्यार्थियों के भविष्य से जुड़ा है. राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में प्रवेश उत्सव जैसे कार्यक्रम चलाकर जहां बच्चो को शिक्षा से जोड़ने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. जबकि स्थानीय शिक्षा विभाग की मौजूदा कार्यप्रणाली देखने मात्र से ही लगता है कि इन्हें बच्चो के भविष्य से कोई सरोकार ही नही रह गया है.


जिला अधिकारियों को भी ग्रामीणों ने कराया अवगत


ग्रामीण बताते हैं कि कई बार स्कूल में शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग से लेकर अन्य जिला अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं. उसके बावजूद विद्यालय में शिक्षकों की संख्या नही बढ़ाई गई. पिछले कुछ दिनों से एक दिव्यांग शिक्षक के भरोसे ही स्कूल चल रहा है. जिसे कोई देखने वाला भी नही है. शिक्षकों के ओर भी पद होने के बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा यहां अन्य शिक्षकों की नियुक्ति नही की जा रही है. ऐसे में स्कूल में पढ़ने वाले करीब 33 बच्चों को सभी विषय की सम्पूर्ण शिक्षा और ज्ञान नहीं मिल पा रहा है.


संकुल प्रभारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्यालय में पांच पद स्वीकृत हैं. जिनमें पहले चार अध्यापक लगे हुए थे. इनमें से अभी कुछ दिन पहले एक अध्यापक का प्रमोशन होने के बाद उसकों बूंदी लगा दिया गया. वहीं दूसरा अध्यापक निलंबित चल रहा है, जिसे उपखंड कार्यालय पर लगा रखा है. वहीं इस विद्यालय कि एक शिक्षिका है जिसे अगस्त 2018 से डेपुटेशन पर प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय काप्रेन लगा रखा है. ऐसे में विद्यालय में अभी एक ही शिक्षक कार्यरत हैं. विभाग के अधिकारियों को पत्र सौंपकर अवगत कराते हुए संकुल प्रभारी परमानन्द मीणा ने बताया कि संम्भागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी कोटा व संस्कृत शिक्षा विभाग जयपुर को पत्र भेजकर‌ चहिंचा विद्यालय में शिक्षकों के कमी के बारे में बताया है.


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ग्रामीणों ने की शिक्षक लगाने की मांग


विद्यालय में शिक्षक लगाने कि मांग को लेकर अभिभावक व ग्रामीण विद्यालय में पहुंचें और शिक्षक लगाने कि मांग को लेकर विद्यालय पर प्रदर्शन करना चाह रहे थे. लेकिन संकुल प्रभारी परमानन्द मीणा ने विद्यालय पहुंचकर अभिभावक से समझाइश की और उच्च अधिकारियों को इस संदर्भ में अवगत करवाने का आश्वासन दिया. जिसके बाद अभिभावकों व ग्रामीणों ने विद्यालय में शिक्षक लगाने कि मांग को लेकर पत्र सौंपकर विद्यालय में शिक्षक लगवाने कि मांग रखी. इस दौरान वार्ड पंच सत्यनारायण मीणा ,कोशल मीणा आदि मौजूद रहे. 


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