Udaipur News: समृद्ध जैव विविधता वाला मेवाड़ यानी उदयपुर (Udaipur) एक बार फिर से सुर्खियों में आया है. यहां के फुलवारी अभयारण्य में एक दुर्लभ प्रजाति का पौधा मिला है. जानकारी अनुसार राजस्थान में पहली बार पैरीस्टाइलस वंश की प्रजाति के आर्किड पैरीस्टाइलस गुडयेरोइडीज (orchid Peristylus goodeyeroides) को फुलवारी अभयारण्य ( Phulwari Sanctuary) में देखा गया है. अभ्यारण्य में इस पौधे का पता उदयपुर निवासी और राजस्थान के वन विशेषज्ञ डॉ. सतीश शर्मा और डॉ. धर्मेन्द्र खांडल लगाया.
पहली बार दिखी पैरीस्टाइलस वंश की चौथी प्रजाति
डॉ. शर्मा ने बताया कि राजस्थान में पहली बार पैरीस्टाइलस वंश के आर्किड पैरीस्टाइलस कान्सट्रीकट्स का पता वर्ष 2007 में फुलवारी एवं सीतामाता अभयारण्यों में लगा था. उसके बाद इसी वंश के दो नए आर्किड पैरीस्टाइलस स्टोकेसी माउंट आबू क्षेत्र में एवं पैरीस्टाइलस लावी की उपस्थिति फुलवारी अभयारण्य में दर्ज हुई थी. उन्होंने बताया कि हाल में ही में पैरीस्टाइलस वंश की चौथी प्रजाति पैरीस्टाइलस गुडयेरोइडीज को फुलवारी अभयारण्य के लथूनी डैया रोड के किनारे अंबावी गांव के पास देखा गया है. इस आर्किड की राजस्थान में पहली बार देखने की उपलब्धि को इंडियन जर्नल ऑफ एनवायरमेंट साइंसेज ने अपने अंक 26 (2) में प्रकाशित किया है.
मानसून में दिखता है आर्किड का सौंदर्य
यह आर्किड एक बरसाती पौधा है जो केवल वर्षा ऋतु दौरान ही नज़र आता है. सर्दी व गर्मी में यह कंद के रूप में भूमि में रहकर वर्षा का इंतजार करता है. मानसून आते ही पौधे पर पहले चार पत्तियां आती हैं और जुलाई के अंतिम सप्ताह में एक अशाखित पुष्पकम नज़र आने लगता है जिसमें गंदले सफेद रंग के फूल खिलने लगते हैं.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में है विशेष मांग
यह आर्किड भारत में हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात, सिक्किम, मेघालय, असम, नागालेंड, मणीपुर, पश्चिमी बंगाल, बिहार, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र एवं अंडमान में पाया जाता है. भारत के बाहर यह नेपाल, भूटान, श्रीलंका, बंगलादेश, म्यामार, चीन, फिलीपिंस, मलेशिया, थाइलेंड, इंडोनेशिया एवं न्यू गिनी में पाया जाता है. यह लंबे समय तक तरो-ताजा बने रहने की गुणवत्ता के कारण अंतरराष्ट्रीय पुष्प बाजार में विशेष स्थान रखता है. विश्व बाजार में आर्किड 8% की भागीदारी करता है. विभिन्न रिपोर्ट के अनुसार आर्किड की उच्च गुणवत्ता युक्त प्रति डंडी का मूल्य जापान और संयुक्त राष्ट्र संघ के पुष्प बाजारों में 130 से 1500 रुपए तक होता है.
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